Last Updated:April 11, 2025, 07:00 IST
डोनाल्ड ट्रंप ने अधिकांश देशों को 90 दिन की टैरिफ राहत दी, लेकिन चीन पर दबाव बढ़ा दिया. चीन ने जवाबी कार्रवाई में अमेरिकी फिल्मों पर रोक और टैरिफ बढ़ाया. ट्रंप चाहते हैं कि शी जिनपिंग पहले बातचीत करें, लेकिन ची…और पढ़ें
डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि जिनपिंग उन्हें फोन करें, लेकिन चीन ने मना कर दिया है. (AI)
हाइलाइट्स
- ट्रंप ने चीन पर टैरिफ 145% बढ़ाया
- चीन ने अमेरिकी फिल्मों पर रोक लगाई
- ट्रंप चाहते हैं कि शी जिनपिंग पहले बात करें
वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के कई देशों को टैरिफ से राहत दी है. 90 दिनों के लिए टैरिफ में उन्होंने ढील दी. ट्रंप के इस ऐलान के बाद दुनिया भर के बाजारों में खुशी की लहर दौड़ गई. ट्रंप की टीम ने जापान, दक्षिण कोरिया और वियतनाम जैसे देशों के साथ व्यापारिक सौदों पर बात शुरू कर दी है. लेकिन एक ऐसा भी देश है, जिसने अमेरिका से कोई बातचीत नहीं की है. इस देश का नाम चीन है, जिस पर अब ट्रंप ने दबाव बढ़ाते हुए सभी सामानों पर टैरिफ 145 परसेंट कर दिया है. जवाब में उसने अमेरिकी फिल्मों पर रोक लगाई और टैरिफ 84 परसेंट बढ़ा दिया. दोनों देशों के बीच यह बड़े व्यापार युद्ध का संकेत है. कोई भी देश पीछे हटने को तैयार नहीं है.
ट्रंप चीन को झुकाना चाहते हैं, लेकिन जिनपिंग हैं कि झुकने को तैयार नहीं. CNN की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने अपनी टीम को साफ कह दिया है कि पहला कदम चीन को उठाना होगा. अमेरिका का मानना है कि चीन ने ही जवाबी कार्रवाई करके इस जंग को और भड़काया है. ट्रंप चाहते हैं कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग खुद फोन करें और बातचीत की शुरुआत करें. दो महीने पहले ही चीन को अमेरिका ने ऐसा करने के लिए कहा था, लेकिन चीन ने बार-बार इस तरह की कॉल करने से इनकार कर दिया है.
चीन के लिए मुश्किल यह है कि शी जिनपिंग नहीं चाहते कि वे कमजोर नजर आएं. अगर वे पहले बातचीत की पेशकश करते हैं, तो इसे उनकी कमजोरी समझा जा सकता है. दूसरी ओर, ट्रंप को लगता है कि चीन आखिरकार झुक जाएगा. ट्रंप ने बुधवार को वाइट हाउस में एक कार्यक्रम में कहा, ‘चीन सौदा करना चाहता है, लेकिन उसे समझ नहीं आ रहा कि कैसे शुरू करे. वे गर्व करने वाले लोग हैं.’
चीन-अमेरिका की बातचीत का रास्ता बंद
दोनों देशों में छोटे स्तर पर कुछ बातचीत हो रही है, लेकिन बड़े नेताओं के बीच कोई संपर्क नहीं है. चीन ने अमेरिका के साथ बैक चैनल बातचीत करने की कोशिश की है. ठीक उसी तरह जैसे जो बाइडन प्रशासन के साथ हो रही थी. लेकिन ट्रंप की टीम ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी को बातचीत के लिए सही व्यक्ति नहीं माना. अमेरिका ने कुछ अन्य नाम सुझाए, पर चीन उन पर सहमत नहीं है. दोनों देशों के बीच विश्वास में कमी देखी जा रही है.
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