वॉशिंगटन. कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में अमेरिका में सर्वदलीय भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक “शानदार तरीके से चुना गया नाम” है. उन्होंने 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान समर्थित सीमा पार आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत के स्पष्ट और एकजुट रुख को उजागर करने के वैश्विक प्रयासों के हिस्से के रूप में इसका महत्व समझाया.
यह पूछे जाने पर कि भारत ने आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम क्यों चुना, कांग्रेस सांसद ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर, वास्तव में, मुझे लगा कि यह एक शानदार नाम है. सिंदूर, अगर कुछ अमेरिकी इसके बारे में नहीं जानते हैं, तो यह सिंदूर हिंदू परंपरा में विवाहित महिलाओं अपनी मांग में लगाती है. यह व्यापक रूप से प्रचलित है. कुछ गैर-हिंदू भी इसे करते हैं. सिंदूर विवाह समारोह के समय लगाया जाता है और उसके बाद हर दिन विवाहित महिलाएं इसे लगाती हैं. इसलिए, हम इन क्रूर आतंकवादियों के बारे में बहुत सचेत थे, जिन्होंने पति को उनकी पत्नियों और बच्चों के सामने गोली मार दी. आतंकियों ने महिलाओं को छोड़ दिया और जब एक पत्नी चिल्लाई, ‘मुझे भी मार दो’, तो उसे कहा गया, नहीं, ‘तुम वापस जाओ और उन्हें बताओ कि हमने क्या किया है.’ इसी कारण से महिलाएं इस जघन्य, वीभत्स कृत्य से बच गईं.”
बता दें कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ब्राजील की अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद अमेरिका पहुंचा. प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देना है. भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया था. 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे. पीड़ितों में 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक शामिल थे. इसके जवाब में, भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया.
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