सीक्रेट रिपोर्ट से हंगामा, ईरान के न्यूक्लियर साइट को लेकर ट्रंप ने क्या कहा?

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वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी हमलों से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को करारा झटका लगा है, जबकि प्रारंभिक अमेरिकी खुफिया आकलन में कहा गया है कि हमले से केवल मामूली झटका लगा है. ट्रंप ने कहा, “यह एक विनाशकारी हमला था, और इसने उन्हें सकते में डाल दिया.” ट्रंप के प्रशासन ने उनके इस दावे का बचाव करने के लिए कई शीर्ष अधिकारियों को लगाया कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम ‘पूरी तरह से नष्ट हो गया है.’

अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने कहा कि जो खुफिया रिपोर्ट लीक हुई है, जिसमें यह कहा गया है कि ईरान की परमाणु योजना को सिर्फ कुछ महीनों की देरी हुई है, वह रिपोर्ट ‘प्रारंभिक’ थी और “उस पर बहुत ज्यादा भरोसा नहीं किया जा सकता.” विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस रिपोर्ट को लीक करने वाले अधिकारियों को ‘पेशेवर धोखेबाज़’ करार देते हुए उनकी कड़ी आलोचना की.

व्हाइट हाउस ने इजरायल परमाणु ऊर्जा आयोग के एक बयान की ओर इशारा किया जिसमें कहा गया था ईरान का परमाणु कार्यक्रम अब कई साल पीछे चला गया है और उसे दोबारा उसी स्तर तक पहुंचने में लंबा समय लग सकता है. अमेरिकी हमलों के प्रभाव के बारे में विश्वसनीय निष्कर्ष निकालना कठिन है, जिससे यह मुद्दा प्रतिस्पर्धी दावों के लिए आधार बन सकता है, जो यह निर्धारित कर सकता है कि अमेरिकी मतदाता ईरान पर इजरायल के हमलों में शामिल होने के ट्रंप के जोखिम भरे निर्णय को किस प्रकार देखते हैं.

यहां एक और महत्वपूर्ण मुद्दा यह है कि ट्रंप अब पश्चिम एशिया में आगे क्या कदम उठाएंगे, जहां ईरान को दोबारा अपना परमाणु कार्यक्रम खड़ा करने से रोकने के लिए कूटनीतिक प्रयासों की आवश्यकता पड़ सकती है. ईरान का कहना है कि उसकी परमाणु महत्वाकांक्षाएं शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए हैं, जबकि अमेरिका और इजरायल के नेताओं ने कहा है कि देश के परमाणु कार्यक्रम का उद्देश्य परमाणु हथियार प्राप्त करना है.

अमेरिकी हमले का एक लक्ष्य फोर्दो था, जहां परमाणु अवसंरचना जमीन के नीचे स्थित है. इजरायली आयोग ने एक बयान में कहा कि बमबारी ने ‘संवर्धन प्रतिष्ठान को ऐसा नुकसान पहुंचाया है जिससे वह काम करने की स्थिति में नहीं है. यह बयान व्हाइट हाउस और इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय द्वारा जारी किया गया था.

बयान में कहा गया है, ‘ईरान की परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमलों ने, ईरान के सैन्य परमाणु कार्यक्रम के अन्य हिस्सों पर इजरायली हमलों के साथ मिलकर, ‘ईरान की परमाणु हथियार विकसित करने की क्षमता को कई वर्षों तक पीछे धकेल दिया है.’ इसके अलावा, ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघई ने अल जजीरा को बताया कि अमेरिकी बमवर्षकों से काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा, ‘हमारे परमाणु प्रतिष्ठानों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा है, यह निश्चित है.’

ट्रंप ने वर्गीकृत आकलन की खबर देने वाले मीडिया संस्थानों पर भी हमला किया, उन्हें ‘घिनौना’ और ‘घृणित’ बताया. ट्रंप ने कहा कि हमलों की प्रभावशीलता पर सवाल उठाना सेना का अपमान है, जिसने भूमिगत प्रतिष्ठान को निशाना बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए हथियारों के साथ गुपचुप तरीके से बमवर्षक उड़ाये. उन्होंने कहा कि खबर ‘पायलटों के लिए बहुत अनुचित है, जिन्होंने हमारे देश के लिए अपनी जान जोखिम में डाली.’

एक महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या संवर्धित यूरेनियम, जिसे परमाणु बम के लिए ईंधन के रूप में विकसित किया जा सकता है, को अमेरिकी हमलों से पहले प्रतिष्ठानों से बाहर ले जाया गया था. ट्रंप ने कहा, ‘मुझे लगता है कि उनके पास कुछ भी बाहर निकालने का मौका नहीं था, क्योंकि हमने तेजी से काम किया.’ उन्होंने कहा कि ‘उस तरह की सामग्री को ले जाना बहुत कठिन है, और बहुत खतरनाक है.’ सांसदों के लिए गोपनीय ब्रीफिंग, जो मूल रूप से मंगलवार के लिए निर्धारित थी, अब बृहस्पतिवार और शुक्रवार को होने की उम्मीद है.

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