5 नवंबर से अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव, कब आएगा परिणाम? क्यों इस बार रिजल्ट आने में लग सकते हैं कई दिन

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अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में दो दिन और बचे हैं. 5 नवंबर से लगभग 244 मिलियन मतदाता (24.4 करोड़) नया राष्ट्रपति चुनने के लिए वोट डालेंगे. इस बार मुकाबला डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच है. कमला हैरिस के साथ उप-राष्ट्रपति के लिए मिनेसोटा के गवर्नर टिम वाल्ज़ मैदान में हैं. तो डोनाल्ड ट्रंप के साथ जेडी वेंस वाइस प्रेसिडेंट की कुर्सी के लिए दावा ठोक रहे हैं. आइये अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की पूरी टाइमलाइन पर एक नजर डालते हैं…

5 नवंबर
5 नवंबर से अमेरिकी मतदाता राष्ट्रपति के लिए अपना वोट डालेंगे. वोटिंग की प्रक्रिया करीब 20 दिन चलेगी.

25 नवंबर
17 राज्यों के लिए डाक के जरिये मतपत्र स्वीकार करने का 25 नवंबर आखिरी दिन है.

17 दिसंबर
इलेक्टर्स अपने-अपने राज्यों और वाशिंगटन डी.सी. में मिलेंगे और ताकि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चयन कर सकें.

25 दिसंबर
इलेक्टोरल वोट्स को 25 दिसंबर तक सीनेट के अध्यक्ष (जो वर्तमान में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस हैं) और आर्किविस्ट को प्राप्त हो जाना चाहिए.

6 जनवरी, 2025
उपराष्ट्रपति कांग्रेस के संयुक्त सत्र में इलेक्टोरल कॉलेज वोटों की गिनती की अध्यक्षता करते हैं और परिणामों की घोषणा करते हैं.

क्यों नतीजे आने में लग सकते हैं कई दिन?
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव यूं तो 5 नंवबर को शुरू हो रहा है और वोटों की गिनती भी उसी दिन शुरू हो जाएगी लेकिन अंतिम नतीजे आने में कई दिन लग सकते हैं. यूएस वोटर्स को फाइनल रिजल्ट तब तक पता नहीं चल पाएगा, जब तक कि उपराष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस या रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप अधिकांश राज्यों, खासकर तथाकथित स्विंग स्टेट्स में महत्वपूर्ण जीत हासिल नहीं कर लेते. अगर जीत में कोई बड़ा अंतर नहीं आता है तो पुनर्गणना के साथ विवादित परिणामों को सुलझाने में कई दिन या सप्ताह भी लग सकते हैं.

Blue Wall: US Presidential Election: Battle for the Blue Wall states: Will  Donald Trump be able to crack them? | World News - Times of India

इस बार विवाद की आशंका इसलिये भी है क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप फिर मैदान में हैं. ट्रंप ने राष्ट्रपति जो बाइडेन की 2020 में हुई जीत और अपनी हार को चार साल बाद भी स्वीकार नहीं किया है. यदि ट्रंप हारते हैं, तो निश्चित रूप से कानूनी लड़ाई का रास्ता अपनाएंगे, और शायद हैरिस भी क्योंकि कुछ सौ या उससे भी कम वोटों से विजेता का फैसला हो सकता है। दोनों के पास वकीलों की फौज तैयार खड़ी है.

क्या है वोटिंग की प्रक्रिया
अमेरिका में वोटर्स सीधे तौर पर राष्ट्रपति का चुनाव नहीं करते हैं. राष्ट्रपति का चुनाव 538 इलेक्टोरल कॉलेज द्वारा किया जाता है. जीत के लिए उम्मीदवार को बहुमत- 270 या उससे ज्यादा इलेक्टोरल कॉलेज हासिल करने होते हैं. इसलिए, एक उम्मीदवार को लोकप्रिय वोटों का बहुमत मिल सकता है, लेकिन फिर भी वह हार सकता है, अगर वह इसे इलेक्टोरल कॉलेज के बहुमत में तब्दील न कर पाए. 2016 में, डेमोक्रेट हिलेरी क्लिंटन ने ट्रंप की तुलना में लगभग 3 मिलियन अधिक वोट जीते, लेकिन वह चुनाव से हार गईं क्योंकि ट्रंप ने 306 इलेक्टोरल कॉलेज जीत कर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया. अंतिम फैसला उन सात राज्यों से आएगा जहां किसी भी पार्टी के पास निश्चित बहुमत नहीं है और वहां चुनाव किसी भी तरफ जा सकता है. इन राज्यों के पास कुल मिलाकर 93 निर्वाचक मंडल वोट हैं.

20 जनवरी 2025
अमेरिका के नए राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह 20 जनवरी को आयोजित होगा.

Tags: Donald Trump, Kamala Harris, Special Project, US President, US Presidential Election 2024

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