Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर उनके शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित हुए, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी. ट्रंप और मोदी के बीच पहले कार्यकाल में मधुर संबंध रहे हैं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि उनका दूसरा कार्यकाल भारत-अमेरिका संबंधों को किस दिशा में ले जाता है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुर्सी पर बैठते ही कई ताबड़तोड़ फैसले लिए, जिसको लेकर पूरी दुनिया में जबरदस्त हलचल पैदा हो गई है. इस लिहाज से ये देखना काफी जरूरी हो जाता है कि आने वाले 5 साल अमेरिका का प्रभाव भारत समेत पूरी दुनिया में कैसा रहने वाला हो सकता है.
ट्रंप से जुड़ी वो 5 बातें जो दुनिया पर डाल सकती है असर
1. पाकिस्तान, कश्मीर और बांग्लादेश पर ट्रंप की नीति
2019 में जब भारत ने अनुच्छेद 370 हटाया, तो ट्रंप ने इसे भारत का आंतरिक मामला बताया और इसमें हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. उनका यह रुख भारत के लिए सकारात्मक था.
- पाकिस्तान और आतंकवाद पर कड़ा रुख: अपने पहले कार्यकाल के दौरान ट्रंप ने कहा था कि पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी. ट्रंप की वापसी से भारत को पाकिस्तान के प्रति अमेरिका के कड़े रुख का लाभ मिल सकता है.
- बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा की आलोचना: ट्रंप ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों की निंदा की थी और इसे उनकी प्राथमिकताओं में रखा था. यह रुख दक्षिण एशियाई हिंदू समुदाय के लिए सकारात्मक संदेश था.
2. भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों में मजबूती
ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में क्वाड (भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया) के माध्यम से चीन को नियंत्रित करने की रणनीति बनाई. उनकी वापसी से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग और मजबूत हो सकता है.
- संभावित रक्षा सौदे: ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में भारत के साथ F-35 लड़ाकू विमान और अन्य मिलिट्री इक्विपमेंट के सौदों की संभावना है.
- MQ-9 रीपर ड्रोन और अन्य समझौते: बाइडेन के कार्यकाल में MQ-9 रीपर ड्रोन की डील हुई थी. ट्रंप इस तरह के समझौतों को और तेज गति से आगे बढ़ा सकते हैं.
3. भारतीय एक्सपोर्ट पर टैरिफ का खतरा
ट्रंप ने पहले कार्यकाल में भारतीय उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी दी थी. अगर भारत इंपोर्ट ड्यूटी कम नहीं करता, तो ट्रंप भारत के एक्सपोर्ट पर शुल्क बढ़ा सकते हैं.
- भारत-अमेरिका व्यापार: 2024 में दोनों देशों के बीच 118.2 अरब डॉलर का व्यापार हुआ, जिसमें भारत ने अमेरिका को 77.5 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट किया. टैरिफ बढ़ने से भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धा कम हो सकती है.
- ब्रिक्स देशों पर चेतावनी: ट्रंप ने ब्रिक्स देशों द्वारा नई करेंसी लाने पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी. इससे भारत को भी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है.
4. H1-B वीजा और भारतीय छात्रों पर प्रभाव
ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में H1-B वीजा के नियमों में सख्ती की थी, जिससे आवेदनों की अस्वीकृति दर बढ़ गई थी.
- ग्रीन कार्ड देने का वादा: ट्रंप ने ग्रीन कार्ड प्रक्रिया को आसान बनाने और भारतीय छात्रों को लाभ पहुंचाने का वादा किया है. इसका फायदा IT और तकनीकी क्षेत्रों को हो सकता है.
- अप्रवासन पर सख्त रुख: अवैध आप्रवासियों को डिपोर्ट करने की ट्रंप की योजना भारतीय प्रवासियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है.
5. अवैध आप्रवासियों के खिलाफ सख्ती
- डिपोर्टेशन अभियान: ट्रंप ने अपने भाषण में अवैध आप्रवासियों को सामूहिक तौर पर डिपोर्ट करने की बात कही. पिछले साल 97 हजार भारतीयों को अवैध रूप से सीमा पार करते समय पकड़ा गया था.
- US-मेक्सिको बॉर्डर पर चुनौती: 41,770 भारतीय US-मेक्सिको बॉर्डर पार करते समय गिरफ्तार हुए. ट्रंप की नई नीतियां इन मामलों को और जटिल बना सकती हैं.
डोनाल्ड ट्रंप का दूसरा कार्यकाल
डोनाल्ड ट्रंप का दूसरा कार्यकाल भारत-अमेरिका संबंधों को नए आयाम दे सकता है. जहां रक्षा और इंडो-पैसिफिक में सहयोग बढ़ने की संभावना है, वहीं व्यापार और अप्रवासन नीतियां चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं. ट्रंप की नीतियों का भारत पर प्रभाव उनके प्राथमिकताओं और निर्णयों पर निर्भर करेगा. आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप भारत-अमेरिका साझेदारी को कैसे मजबूत करते हैं.
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