नेहल मोदी ने भाई नीरव मोदी की कैसे की मदद, जानें कब US से लाया जाएगा भारत?

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नई दिल्ली. पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में भारत को बड़ी कामयाबी मिली है. भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के भाई नेहल मोदी को अमेरिका में गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया. यह गिरफ्तारी सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा किए गए प्रत्यर्पण अनुरोध के आधार पर की गई है. भारत सरकार के सूत्रों ने शुक्रवार को नेहल मोदी की गिरफ्तारी की पुष्टि की. नेहल मोदी की गिरफ्तारी बताती है कि 13,000 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले में वॉन्टेड आरोपियों को न्याय के कठघरे तक लाने के लिए सरकार पूरी शिद्दत से काम कर रही है.

अमेरिका की न्याय विभाग ने दी भारत को सूचना-अमेरिकी न्याय विभाग ने भारतीय अधिकारियों को सूचित किया है कि नेहल मोदी की गिरफ्तारी आधिकारिक रूप से भारत की प्रत्यर्पण मांग के चलते हुई है. यह मांग ईडी और सीबीआई ने संयुक्त रूप से की थी. अमेरिका में दायर अभियोजन पक्ष की शिकायत के अनुसार, नेहल मोदी के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्यवाही दो आरोपों के आधार पर हुई है. पहला – मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 3 के तहत) और दूसरा – आपराधिक साजिश (भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी और 201 के तहत)

पीएनबी घोटाले में क्या थी नेहल मोदी की भूमिका
नेहल मोदी भारत में पीएनबी घोटाले के मामले में वॉन्टेड था. इसकी गिनती देश के इतिहास के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में की जाती है. सीबीआई और ईडी की जांच में सामने आया है कि नेहल ने अपने भाई नीरव मोदी की मदद से शेल कंपनियों और इंटरनेशनल ट्रांजेक्शनों के जरिये अवैध धन को ठिकाने लगाया. नेहल पर अवैध कमाई को छिपाने और विदेशों में ट्रांसफर करने का आरोप है, जिससे साफ तौर पर भारत के मनी लॉन्ड्रिंग और आर्थिक अपराध कानूनों का उल्लंघन हुआ.

कौन है नेहल मोदी?
नेहल मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में कथित 13,600 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी वाले बैंक लेनदेन के मामले के आरोपी और भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी का भाई है. नेहल मोदी के खिलाफ इससे पहले 2019 में रेड नोटिस जारी किया गया था. 46 वर्ष का नेहल मोदी बेल्जियम का नागरिक है. नेहल मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में वॉन्टड है. यह देश के इतिहास में सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से की गई जांच में नेहल मोदी को नीरव मोदी की आपराधिक आय को वैध बनाने के लिए काम करने वाले अहम शख्स पाया गया था. नीरव मोदी ब्रिटेन से प्रत्यर्पण की कार्रवाई का सामना कर रहा है.

नेहल पर क्या आरोप हैं?
नेहल मोदी पर पीएनबी घोटाले में हुई धोखाधड़ी में अपने भाई नीरव मोदी की मदद करने के आरोप हैं. इससे पहले ईडी ने अपनी जांच में पाया था कि नेहल ने “जानबूझकर और जानबूझकर” नीरव को कथित मनी लॉन्ड्रिंग को छिपाने और “सबूतों को नष्ट करने” में मदद की. नेहल की भूमिका का विवरण देते हुए ईडी की शिकायत में कहा गया था, “पंजाब नेशनल बैंक में 13,600 करोड़ रुपये का घोटाला के बाद, नीरव मोदी के भाई नेहल मोदी ने दुबई और हांगकांग स्थित डमी कंपनियों के निदेशकों के सभी सेल फोन नष्ट कर दिए और नीरव मोदी के कैरो (सेफ हेवन) पहुंचने में मदद के लिए टिकटों की व्यवस्था की.”

नेहल ने कैसे की नीरव मोदी की मदद?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नीरव मोदी ने विदेश में 15 से ज़्यादा डमी कंपनियां बनाई थीं, ताकि कथित तौर पर पीएनबी से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LOU) के जरिए हासिल की गई रकम को “निर्यात-आयात लेन-देन की आड़ में” इधर-उधर किया जा सके. एजेंसी ने इन कंपनियों के कम से कम 17 डमी निदेशकों की पहचान की थी. ये सभी डमी निदेशक नीरव की कंपनियों के कर्मचारी या पूर्व कर्मचारी हैं, जिन्हें अपनी सेवाएं देने के लिए 8,000 से 30,000 रुपये प्रति महीने का वेतन मिलता था.

नेहल पर मोबाइल और रिकॉर्ड नष्ट करने के आरोप
एक डमी निदेशक सहित दो गवाहों के बयानों पर भरोसा करते हुए ईडी बताया था कि पीएनबी में घोटाला सामने आने के बाद डमी निदेशक भारत लौटना चाहते थे. लेकिन उन्हें वहीं रहने के लिए राजी किया गया. नेहल ने दुबई जाकर मामले में अगुवाई की और डमी कंपनी प्रबंधकों/निदेशकों के सभी मोबाइल नष्ट कर दिए. ईडी ने अदालत में नीरव के खिलाफ अपनी अभियोजन शिकायत में आरोप लगाया था कि नेहल “व्यक्तिगत रूप से देख रहा था कि सभी खाते, रिकॉर्ड नष्ट कर दिए गए हैं. वह कर्मचारियों को प्रभावित कर रहा था और भारतीय एजेंसियों की ओर से घोटाले की जांच शुरू करने के बाद सबूतों को नष्ट कर रहा था”.

50 किलो सोना, नकदी और 150 बक्से मोती चुराने के भी आरोप
ईडी ने यह भी आरोप लगाया है कि नेहल ने नीरव की दुबई स्थित कंपनी से करीब 50 किलो सोना, साथ ही हांगकांग से नकदी और 150 बक्से मोती चुराए हैं. ईडी ने दावा किया है कि नेहल दो कंपनियों का निदेशक है, जिन्हें नीरव की डमी कंपनियों से 335.95 करोड़ रुपये मिले थे. 2019 में इंटरपोल ने नीरव और उसकी बहन पूर्वी मोदी मेहता के खिलाफ भी रेड नोटिस जारी किया था. नीरव मोदी फिलहाल पीएनबी घोटाले के सिलसिले में प्रत्यर्पण के आरोपों का सामना करते हुए ब्रिटेन की जेल में है.

अगली सुनवाई की तारीख 17 जुलाई
नेहल पर आरोप है कि उसने भारतीय कानूनों का उल्लंघन करते हुए शेल कंपनियों और विदेशी लेनदेन के नेटवर्क के जरिए भारी मात्रा में अवैध धन को छिपाने और स्थानांतरित करने में सहायता की. प्रत्यर्पण कार्यवाही के लिए अगली सुनवाई की तारीख 17 जुलाई 2025 निर्धारित की गई है. वह इस दौरान जमानत के लिए आवेदन कर सकता है, जिसका अमेरिकी अभियोजन पक्ष ने विरोध करने की बात कही है.

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