Last Updated:June 10, 2025, 20:14 IST
निकोल डेडोन और रेचल चेरविट्ज को यौन शोषण और जबरन श्रम के आरोप में दोषी ठहराया गया है. डेडोन की कंपनी वनटेस्ट महिलाओं की यौन संतुष्टि का दावा करती थी, लेकिन शोषण का जरिया निकली.
वनटेस्ट की संस्थापक और पूर्व सीईओ निकोल डेडोन न्यूयॉर्क में ब्रुकलिन संघीय अदालत से बाहर निकलती हुई. (Image:AP)
हाइलाइट्स
- निकोल डेडोन यौन शोषण की दोषी पाई गईं.
- डेडोन की कंपनी वनटेस्ट महिलाओं का शोषण करती थी.
- डेडोन और चेरविट्ज़ को 20 साल की जेल हो सकती है.
न्यूयॉर्क. कभी महिला सशक्तिकरण और यौन कल्याण का झंडा बुलंद करने वाली निकोल डेडोन अब खुद यौन शोषण की दोषी पाई गई हैं. अमेरिका की एक अदालत ने उन्हें और उनकी सहयोगी रेचल चेरविट्ज को जबरन श्रम, यौन शोषण और आपराधिक षड्यंत्र के तहत दोषी ठहराया है. यह फैसला केवल कानूनी तौर पर नहीं, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दिखाता है कि ‘सशक्तिकरण’ की आड़ में किस तरह कमजोर महिलाओं का शोषण किया गया.
निकोल डेडोन, जो खुद को बौद्ध विचारधारा से प्रेरित बताती हैं, ने 2004 में सैन फ्रांसिस्को में वनटेस्ट इंक की स्थापना की थी. कंपनी का दावा था कि वह महिलाओं की यौन संतुष्टि और आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद करती है. उनका ‘ओम-इंग’ नामक अभ्यास विश्वभर में चर्चा का विषय बना. जिसमें पुरुष, महिलाओं के जननांगों को 15 मिनट तक उत्तेजित करते थे.
कंपनी का दावा और हकीकत
डेडोन की कंपनी वनटेस्ट ने सैकड़ों महिलाओं को कोचिंग, वर्कशॉप और पाठ्यक्रमों के ज़रिए जोड़ा, लेकिन 2018 में सामने आया कि ये कोर्स शोषण का एक जरिया थे. रिपोर्टों में खुलासा हुआ कि महिलाओं को भारी कर्ज में डुबोकर बिना वेतन काम करवाया गया, अमीर निवेशकों और ग्राहकों के साथ यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया, और उन्हें मानसिक रूप से इस कदर तोड़ा गया कि वे ‘ब्रेनवॉश’ महसूस करती थीं.
अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि डेडोन और चेरविट्ज़ ने महिलाओं की असुरक्षा और उनकी भावनात्मक ज़रूरतों का फायदा उठाकर उन्हें मानसिक और शारीरिक गुलामी में झोंक दिया. हालांकि बचाव पक्ष ने दावा किया कि सबकुछ सहमति से हुआ और महिलाएं जानबूझकर इस कार्यक्रम का हिस्सा बनीं, लेकिन जूरी ने इन दलीलों को खारिज कर दोनों को दोषी ठहरा दिया.
क्या होगा आगे?
दोनों महिलाओं को 20 साल तक की जेल हो सकती है. हालांकि, उनके वकीलों ने फैसले के खिलाफ अपील की बात कही है. वहीं, कंपनी के वर्तमान प्रतिनिधियों ने इस फैसले पर निराशा जताई है और कहा है कि ‘यौन सहमति’ हमेशा वनटेस्ट की मूल भावना रही है.
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in …और पढ़ें
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