Last Updated:May 27, 2025, 12:34 IST
Kilauea Volcano Eruption: किलाउआ के हलेमाउमाउ क्रेटर में इतना भीषण ज्वालामुखी विस्फोट हुआ है कि लावा के फव्वारे 1,000 फीट यानि करीब 300 मीटर की ऊंचाई तक आसमान में उठते देखे गए.
हाइलाइट्स
- किलाउआ ज्वालामुखी में 1000 फीट ऊंचे लावा फव्वारे देखे गए.
- विस्फोट से खतरनाक सल्फर डाइऑक्साइड गैस भी निकली.
- किलाउआ ज्वालामुखी 1983 से लगातार सक्रिय है.
दुनिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक हवाई द्वीप पर स्थित किलाउआ ज्वालामुखी ने एक बार फिर अपनी ताकत दिखा दी. रविवार को हुए एक शक्तिशाली ज्वालामुखी विस्फोट में लावा के फव्वारे 1,000 फीट यानि करीब 300 मीटर की ऊंचाई तक आसमान में उठते देखे गए. इस रोमांचक नज़ारे को वैज्ञानिकों ने कैमरे में भी कैद किया, जो अब पूरी दुनिया देख रही है.
अमेरिकी ज्वालामुखी सर्वेक्षण (USGS) की हवाई ऑब्ज़र्वेटरी के मुताबिक ये विस्फोट रविवार शाम 4:15 बजे (हवाई के मानक समय के मुताबिक) किलाउआ के हलेमाउमाउ क्रेटर में स्थित उत्तरी वेंट से शुरू हुआ. यह वही ज्वालामुखी है, जो 23 दिसंबर 2024 से लगातार रुक-रुक कर एक्टिव रहा है.
1000 फीट ऊंचे उड़े दहकते अंगारे
इस विस्फोट के लगभग एक घंटे बाद दक्षिणी वेंट भी सक्रिय हो गया, जहाँ से लावा के लगभग 230 फीट ऊंचे फव्वारे निकलने लगे. हालांकि उत्तरी वेंट से निकले लावे ने ऊंचाई के मामले में सभी को हैरान कर दिया, जब उसकी लपटें 1,000 फीट से भी ऊपर तक पहुंच गईं. ऑब्जर्वेटरी ने बताया कि लावा ने हलेमाउमाउ गड्ढे के फर्श को पूरी तरह ढक दिया है. ये विस्फोट किलाउआ के दिसंबर 2024 से शुरू हुए एक्टिव पीरियड का 23वां विस्फोट है. वैज्ञानिकों के मुताबिक इस तरह के लावा के फव्वारे अक्सर एक दिन या उससे कम समय तक चलते हैं. लेकिन इनका प्रभाव व्यापक होता है.
ज्वालामुखी फूटा तो उठीं लपटें. (AI Generated)
गैसों के उत्सर्जन से बढ़ा खतरा
विस्फोट से सिर्फ लावा ही नहीं, बल्कि खतरनाक गैसें भी निकल रही हैं, जिनमें सल्फर डाइऑक्साइड प्रमुख है. यह गैस वातावरण के साथ मिलकर ‘वोग’ नाम की एक जहरीली धुंध बनाती है, जो न केवल इंसानों और जानवरों के लिए हानिकारक है, बल्कि फसलों को भी नुकसान पहुंचा सकती है.
लगातार एक्टिव है किलाउआ
किलाउआ ज्वालामुखी 1983 से लगातार सक्रिय रहा है. यह हवाई द्वीपों पर स्थित 6 सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है. हालाँकि यह मौना लोआ जैसे बड़े ज्वालामुखी से आकार में छोटा है, पर अपनी अत्यधिक सक्रियता के कारण किलाउआ ज्यादा मशहूर है. यह ज्वालामुखी न केवल वैज्ञानिकों के लिए एक शोध का केंद्र है, बल्कि हर साल हजारों पर्यटक हेलीकॉप्टर या विशेष गाइडेड टूर के माध्यम से इसके जीवंत विस्फोटों को देखने आते हैं. लावा की बहती नदियाँ, चमकते अंगारे और आग का तांडव देखने वालों को प्रकृति की ताकत और सौंदर्य का अनूठा अनुभव कराते हैं.
OXBIG NEWS NETWORK में Offbeat डेस्क पर कार्यरत हैं. इससे पहले Zee Media Ltd. में डिजिटल के साथ टीवी पत्रकारिता भी अनुभव रहा है. डिजिटल वीडियो के लेखन और प्रोडक्शन की भी जानकारी . टीवी पत्रकारिता के दौरान कला-साहित्य के सा…और पढ़ें
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