Last Updated:July 07, 2025, 16:50 IST
खालिस्तानी आतंकी हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया को जल्द ही भारत वापस लाया जाएगा. भारत में आतंक फैलाने, जबरन वसूली और हिंसा से जुड़े कई मामलों में वांछित खालिस्तानी आतंकवादी को संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने सै…और पढ़ें
खालिस्तान आतंकवादी हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया को भारत प्रत्यर्पित किए जाने की संभावना है.(Image: Social Media)
हैप्पी पासिया पर 14 ग्रेनेड हमलों का आरोप
हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया को कम से कम 14 ग्रेनेड हमलों से जोड़ा गया है. उसका आपराधिक जीवन जग्गू भगवानपुरिया गिरोह से शुरू हुआ. बाद में पासिया पाकिस्तान स्थित हरविंदर सिंह रिंदा से जुड़ गया, जो बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) आतंकवादी समूह का हिस्सा है. बीकेआई भारत में एक प्रतिबंधित आतंकवादी समूह है. पासिया अप्रैल 2018 में दुबई के लिए रवाना हुआ और फरवरी 2019 में भारत लौट आया. इसके बाद वो 2020 में ब्रिटेन चला गया, जहां से वो अमेरिका चला गया. ऐसा कहा जाता है कि वह अवैध मानव तस्करी नेटवर्क का उपयोग करके मैक्सिको सीमा के रास्ते अमेरिका में प्रवेश कर गया था.
सितंबर से अक्टूबर 2023 तक, पासिया और रिंदा ने पंजाब में कई जबरन वसूली और आतंकी वारदातों को अंजाम दिया. वे बटाला और अमृतसर में ठेकेदारों और व्यापारियों से जबरन वसूली करने का प्रयास करते थे. राज्य पुलिस ने पासिया-रिंदा समूह के कई आतंकवादी और आपराधिक मॉड्यूल को ध्वस्त कर दिया है. ये लोग हिंदू समूहों और उनके नेताओं, पुलिस में तैनात और रिटायर पुलिसकर्मियों, शराब ठेकों और व्यापारियों को निशाना बना रहे थे. वे जबरन वसूली गई धनराशि का उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए करते थे. 2024 के अंत और 2025 की शुरुआत के बीच बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) ने पंजाब में एक दर्जन से अधिक हमले किए.
नशीली दवाओं की लत वालों का इस्तेमाल
इसमें नवंबर 2024 में अजनाला पुलिस स्टेशन के अंतर्गत एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस रखना और गुरदासपुर में किला लाल सिंह पुलिस स्टेशन पर हमला करना शामिल था. बीजेपी नेता मनोरंजन कालिया के घर को भी निशाना बनाया गया. ये हमले पासिया ने रिंदा के अमेरिका स्थित संपर्कों- गुरदेव सिंह उर्फ जैसल पहलवान, गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी नवांशहरिया और जर्मनी स्थित स्वर्ण सिंह उर्फ जीवन फौजिया के साथ मिलकर किए गए थे. ऐसा कहा जाता है कि इस नेटवर्क ने आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए नशीली दवाओं की लत से ग्रस्त नाबालिगों को लगाया था.
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in …और पढ़ें
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