Last Updated:January 31, 2025, 08:05 IST
Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप ने तुलसी गबार्ड और काश पटेल को अहम पदों के लिए नामित किया है, लेकिन सीनेट में तीखे सवालों का सामना करना पड़ा. सीनेट की मंजूरी के बाद ही उनकी नियुक्ति संभव होगी.
ट्रंप ने अपनी सरकार में तुलसी गबार्ड और काश पटेल को अहम जिम्मेदारियों के लिए नामित किया है. (फोटो AP)
हाइलाइट्स
- ट्रंप ने काश पटेल और तुलसी गबार्ड को अहम पदों के लिए नामित किया.
- सीनेट में काश पटेल और तुलसी गबार्ड से तीखे सवाल पूछे गए.
- सीनेट की मंजूरी के बाद ही उनकी नियुक्ति संभव होगी.
वाशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप जबसे अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं तबसे देश के प्रमुख पदों के लिए नामों की घोषणा कर रहे हैं. उन्होंने अपनी सरकार में तुलसी गबार्ड और काश पटेल को अहम जिम्मेदारियों के लिए नामित किया है. ट्रंप ने काश पटेल को FBI चीफ के पद के लिए नॉमिनेट किया है. वहीं ट्रंप ने तुलसी गबार्ड को अपनी सरकार में यूएस नेशनल इंटेलीजेंस का निदेशक नामित किया है. लेकिन दोनों पर मुसीबत खड़ी हो गई है. क्योंकि दोनों नेता नेता गुरुवार को सीनेट के सामने पेश हुए. सीनेट ने दोनों पर सवालों की बौछार कर दी. दोनों को सीनेट सांसदों के कड़े सवालों का सामना करना पड़ा. सीनेट जब क्लीन चिट देगी तभी दोनों की नियुक्ति नामित पदों पर होगी.
काश पटेल पर राजनीतिक लाभ के लिए घरेलू सुरक्षा एजेंसी का उपयोग करने का आरोप लगा है. हालांकि सीनेट के सामने सुनवाई के दौरान उन्होंने इन आरोपों से बचने की कोशिश की. काश पटेल ने सार्वजनिक तौर पर FBI की आलोचना कर चुके हैं और वे FBI मुख्यालय को बंद करने की भी बात कर चुके हैं. कुछ सांसदों ने काश पटेल की योग्ताओं पर भी सवाल उठाया है.
काश पटेल से क्या पूछे गए सवाल?
गुरुवार को सीनेट ने पटेल से सीधे पूछा कि क्या ट्रंप ने दंगाइयों के लिए एक सामान्य माफी जारी करने में गलती की थी. उन्होंने इसका जवाब दिया “मैं किसी भी व्यक्ति की सजा को कम करने से सहमत नहीं हूं जिसने कानून प्रवर्तन के खिलाफ हिंसा की.” जब कैपिटल दंगे में कानून प्रवर्तन को पीटने और घायल करने वाले दंगाइयों के मामलों के बारे में पूछा गया, तो पटेल ने अपनी स्थिति दोहराई, ट्रंप की नीतियों से एक दुर्लभ क्षण में अलगाव की पेशकश की.

ट्रंप ने काश पटेल को FBI चीफ के पद के लिए नॉमिनेट किया है. (फोटो AP)
एक और विवादास्पद बिंदु पटेल के पिछले बयानों के बारे में था कि वह एफबीआई निदेशक के कार्यालय का उपयोग कैसे कर सकते हैं. साल 2023 में ट्रंप के सहयोगी स्टीव बैनन के साथ एक पॉडकास्ट पर बात करते हुए, पटेल ने रिपब्लिकन नेता की चेतावनियों को दोहराया कि उनके कथित राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को उनके कार्यालय में लौटने पर आपराधिक अभियोजन का सामना करना पड़ सकता है.
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तुलसी गबार्ड से क्या पूछे गए सवाल?
मालूम हो कि तुलसी गबार्ड ने रूस के समर्थन वाले बयान दिए, जिसमें कथित तौर पर रूस के यूक्रेन पर हमले को जायज ठहराया गया था. गबार्ड, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की आलोचना भी कर चुकी हैं. तुलसी गबार्ड ने सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद से साल 2017 में मुलाकात की थी, जिसके बाद गबार्ड की आलोचना हुई थी.
गुरुवार को हुई सुनवाई में सीनेटरों ने गबार्ड से 2017 में सीरिया की यात्रा के बारे में भी सवाल किए, जहां उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति बशर अल-असद से मुलाकात की थी. साल 2020 में एक अमेरिकी अदालत ने पाया कि स्नोडेन द्वारा उजागर की गई निगरानी, जिसमें फोन रिकॉर्ड एकत्र करना शामिल था जो अवैध थी. स्नोडेन, जो शुरू में हांगकांग भाग गए थे, को अमेरिकी सरकार द्वारा उनका पासपोर्ट रद्द करने के बाद रूस में शरण दी गई थी. गबार्ड ने पहले स्नोडेन को “बहादुर” व्हिसलब्लोअर कहा था और 2020 में, उन्होंने हाउस प्रस्ताव का सह-प्रायोजन किया था जिसमें अमेरिकी सरकार से स्नोडेन के खिलाफ सभी आरोपों को छोड़ने का आग्रह किया गया था.

ट्रंप ने तुलसी गबार्ड को अपनी सरकार में यूएस नेशनल इंटेलीजेंस का निदेशक नामित किया है. (फोटो AP)
गुरुवार को, गबार्ड से उस स्थिति के बारे में आक्रामक रूप से सवाल किए गए. डेमोक्रेटिक सीनेटर माइकल बेनेट ने उनसे कई बार पूछा कि क्या वह स्नोडेन को गद्दार मानती हैं. पूर्व कांग्रेसवुमन ने ऐसा कहने से इनकार कर दिया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्नोडेन ने कानून तोड़ा और वह उनके कार्यों से सहमत नहीं हैं, जबकि उन्हें पूरी तरह से निंदा नहीं की.
अब यह देखना होगा कि दोनों पर सीनेट क्या फैसला लेता है. 100 सदस्यीय सीनेट में 53 सीटों के बहुमत के साथ ही दोनों अपने पदों पर नियुक्त हो सकते हैं. दोनों से सवाल तो तीखे पूछे गए लेकिन यह सीनेट का फैसला ही बताएगा कि दोनों अपने आप को बचाने में कि कितना कामयाब रह पाए.
January 31, 2025, 08:05 IST
मुसीबत में ट्रंप के आंख-कान, सीनेट ने काश-तुलसी पर क्यों किए सवालों के बौछार?
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