भारत छोड़ो, पहले अपना घर देखो डोनाल्ड ट्रंप… अमेरिका में 4 गुना ज्यादा रेप और इंडिया को बता रहे अनसेफ?

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अमेरिकी विदेश विभाग ने हाल ही में भारत की यात्रा पर आने वाले अपने नागरिकों के लिए लेवल-2 की यात्रा चेतावनी जारी की है. 16 जून को जारी इस एडवाइजरी में भारत में अपराध और आतंकवाद के कारण अमेरिकी नागरिकों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. इसकी वजह बलात्कार, सेक्सुअल असॉल्ट और आतंकवादी हमले को बताया गया है. अमेरिका को ये एडवाइजरी जारी करने से पहले अपने गिरेबां में झांकने की जरूरत है.

इस बात को समझने के लिए चलिए सबसे पहले दोनों देशों में महिलाओं से जुड़े हुए अपराधों से जुड़े आंकड़ों को देख लेते हैं –

अमेरिका में महिलाओं के प्रति अपराध

साल 2022 के आंकड़ों की बात करें तो अमेरिका में लगभग 1,39,815 बलात्कार और सेक्सुअल असॉल्ट के मामले दर्ज किए गए. इसके मुताबिक प्रति 1 लाख की जनसंख्या पर बलात्कार की दर लगभग 40 थी. National Crime Victimization Survey ये भी बताता है कि केवल 21 फीसदी यौन हिंसा के मामले पुलिस में दर्ज होते हैं, जिसका मतलब है कि वास्तविक संख्या कहीं अधिक हो सकती है. एफबीआई यूसीआर 2022 के मुताबिक अमेरिका में कुल 6,815 हत्याएं दर्ज की गईं, जिनमें से लगभग 1,022 पीड़ित महिलाएं थीं. महिलाओं की हत्या में घरेलू हिंसा और इंटिमेट पार्टनर वायलेंस प्रमुख रहे. इसके अलावा CDC Data 2021 की मानें तो घरेलू हिंसा के कारण हर साल अमेरिका में 700-1,200 महिलाओं की हत्या होती है. चूंकि अमेरिकी संविधान में छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न के मामले ठीक तरह से परिभाषित नहीं हैं, ऐसे में NCVS के आंकड़े कहते हैं कि सिर्फ 67 हज़ार से 1 लाख केस ही दर्ज हो पाते हैं. खासतौर पर दफ्तर में उत्पीड़न के मामले साल 2022 में 7000-8000 तक रहे.

भारत में महिलाओं के प्रति अपराध का आंकड़ा 

भारत की बात करें तो NCRB के साल 2022 के आंकड़े बताते हैं कि देश में 31,516 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए जो यानि प्रतिदिन औसतन 86 मामले रहे. इसमें 96 फीसदी रेप के मामलों में आरोपी पीड़िता का परिचित था. हत्या की बात की जाए तो साल 2022 में हत्या के 13,497 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 2,222 मामले सिर्फ दहेज हत्या के थे और अन्य घरेलू हिंसा से संबंधित थे. छेड़छाड़ के मामले की बात करें तो भारत में अच्छी तरह परिभाषित हैं, ऐसे में मॉलेस्टेशन के 83,344 केस दर्ज हुए, जो आईपीसी सेक्शन 354 के अंतर्गत फाइल किए गए. इसके अलावा सेक्सुअल हैरेसमेंट के 20,945 केस दर्ज हुए, जो आईपीसी सेक्शन 354ए के तहत फाइल हुए.

ये भी देख लें डोनाल्ड ट्रंप

भारत और अमेरिका के बीच महिलाओं से जुड़े हुए अपराधों की बात करें, तो उसे ये समझ लेना चाहिए कि रेप के मामले में अमेरिका में महिलाएं भारत की तुलना में ज्यादा सुरक्षित नहीं हैं. भारत में जहां रेप के सिर्फ 31,516 मामले दर्ज हुए, वहीं अमेरिका में ये मामले करीब 5 गुना ज्यादा रहे. वहीं छेड़छाड़ के मामले ठीक से परिभाषित न होने की वजह से इनकी गिनती ही वहां नहीं हो पाती. इतना भी नहीं दिखता, तो भी अमेरिका की कई एनफ्लुएंसर भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ये दिखा चुकी हैं कि वे भारत में कितने मज़े से घूम सकती हैं और उन्हें कोई खतरा महसूस नहीं होता. वे बताती हैं कि वे अमेरिका से आकर भारत में क्यों बस गईं.

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