Last Updated:March 24, 2025, 21:09 IST
डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद अमेरिका के यूरोपीय दोस्त चीन के शी जिनपिंग से मिल गए हैं. चीन ने यूरोपीय यूनियन के अलायंस में शामिल होने की रिपोर्ट को खारिज किया है.
ट्रंप की नीतियों का फायदा उठाकर जिनपिंग यूरोपीय यूनियन से मिला रहे हाथ.
हाइलाइट्स
- ट्रंप के सत्ता में आने के बाद यूरोपीय दोस्त शी जिनपिंग से मिले.
- चीन ने यूरोपीय यूनियन के अलायंस में शामिल होने की रिपोर्ट खारिज की.
- चीन ने यूक्रेन में शांति की वकालत की, स्थिति स्थिर और स्पष्ट बताई.
अमेरिका के दोस्तों की बात की जाए तो सबसे पहले यूरोपीय देशों का जिक्र आता है. क्योंकि दशकों से अमेरिका इनके पीछे खड़ा रहा. जब भी उन पर कोई संकट आया तो अमेरिका ने आगे बढ़कर सामना किया. मगर जब से डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में आए हैं, अमेरिका के ये भरोसेमंद दोस्त ट्रंप के सबसे बड़े दुश्मन शी जिनपिंग से जा मिले हैं. इतना ही नहीं, यूक्रेन मसले पर सीधे-सीधे ट्रंप से टक्कर भी मोल लेने वाले हैं. चीन ने इस रिपोर्ट को खारिज किया है, लेकिन एक्सपर्ट मानते हैं कि यही सच है.
पहले जानिए हुआ क्या. रूस-यूक्रेन युद्ध चीन खदु को निष्पक्ष दिखाने की कोशिश करता रहा है. हालांकि, रूस के साथ उसके मजबूत और आर्थिक रिश्ते हैं. यहां तक कि उसने रूस को हथियार भी मुहैया कराए हैं. इसी वजह ये यूरोप के ज्यादातर देश रूस की तरह चीन को भी अपना दुश्मन मानते हैं. लेकिन इसी बीच 22 मार्च को जर्मन मीडिया आउटलेट डाई वेल्ट ने राजनयिक स्रोतों का हवाला देते हुए रिपोर्ट किया कि चीन यूरोपीय यूनियन की लीडरशिप वाले अलायंस के साथ जा मिला है. वह भी चाहता है कि यूक्रेन में शांति सेना की तैनाती होनी चाहिए. जबकि ट्रंप ऐसा बिल्कुल भी नहीं चाहते.
चीन का जवाब
जब इस बारे में चीन से सवाल किया गया तो चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा, ‘मैं जोर देकर कहना चाहती हूं कि ये रिपोर्ट पूरी तरह से गलत हैं. यूक्रेन संकट पर चीन की स्थिति स्थिर और स्पष्ट है. बीजिंग यूरोपीय यूनियन के किसी भी अलायंस में शामिल नहीं हो रहा है. हम यूक्रेन में हमेशा शांति की वकालत करते रहे हैं. अभी भी हमारा रुख वही है.’
क्या है रिपोर्ट में
डाई वेल्ट ने जर्मनी के एक नेता के हवाले से कहा था कि चीन को इस गुट में इसलिए शामिल किया जा रहा है, क्योंकि इससे अलायंस की स्वीकार्यता बढ़ेगी. रूस चीन की बात ज्यादा अच्छे से समझेगा. उन्होंने ये भी दावा किया था कि चीन इस तरह के अलायंस में शामिल होने के लिए हाथ बढ़ा चुका है, यूरोपीय यूनियन को इस पर आगे फैसला लेना है. इस अलायंस में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों लीड कर रहे हैं. दोनों चाहते हैं कि यूक्रेन में नाटो की सेनाएं उतारी जाएं, जबकि रूस के राष्ट्रपति पुतिन इसका विरोध करते रहे हैं.
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