Last Updated:March 29, 2025, 08:53 IST
Elon Musk sells X: इस बार एक्स को किसी और ने ही नहीं बल्कि एलन मस्क की ही दूसरी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी xAI ने खरीदा है. यह डील 33 अरब डॉलर में हुई है. भारतीय करेंसी में यह राशि दो लाख 82 हजार करोड़ से भ…और पढ़ें
एलन मस्क ने बड़ा फैसला लिया. (File Photo)
हाइलाइट्स
- एलन मस्क ने X को xAI को बेचा.
- डील 33 अरब डॉलर में हुई.
- xAI और X का भविष्य आपस में जुड़ा.
नई दिल्ली. अमेरिका के उद्योगपति एनल मस्क ने कुछ साल पहले ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को खरीदा और फिर इसका नाम बदलकर एक्स रख दिया. मस्क ने मैनेजमेंट संभालते ही कई बदलाव किए और लोगों से ब्लू टिक के लिए फीस वसूली जाने लगी. अब मस्क ने एक्स को भी बेच दिया है. घबराइये मत, इस बार एक्स को किसी और ने ही नहीं बल्कि मस्क की ही दूसरी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी xAI ने खरीदा है. यह डील 33 अरब डॉलर में हुई है. भारतीय करेंसी में यह राशि दो लाख 82 हजार करोड़ से भी ज्यादा बैठती है.
इस टेक-ओवर का उद्देश्य xAI की AI स्पेशलाइजेशन को X की व्यापक पहुंच के साथ मिलाना है. मस्क ने xAI का मूल्यांकन 80 बिलियन डॉलर और X का 33 बिलियन डॉलर आंका. मस्क के पोर्टफोलियो में पहले से ही टेस्ला और स्पेसएक्स जैसी नामी कंपनियां शामिल हैं. हाल ही में एक्स ने अपना नया AI मॉडल ग्रोक को शुरू किया है. इस नए बदलाव से ग्रोक को ट्रेनिंग देने में आसानी हो सकती है. मस्क ने X पर लिखा, “xAI और X का भविष्य आपस में जुड़ा हुआ है. आज हम आधिकारिक तौर पर डेटा, मॉडल, कंप्यूटिंग, डिस्ट्रिब्यूशन और प्रतिभा को एक करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं.”
AI ग्रोक को प्रमोट करने के लिए उठाया ये कदम?
इस सौदे की घोषणा के बाद X और xAI के प्रवक्ताओं ने तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की. सौदे के कई पहलू अभी अस्पष्ट हैं, जैसे कि निवेशकों को मुआवजा कैसे मिलेगा, X के नेतृत्व का नई कंपनी में एकीकरण कैसे होगा, या नियामक जांच की संभावना क्या है. दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति मस्क ने वाशिंगटन डीसी में भी अपनी स्थिति मजबूत की है. वह ट्रंप प्रशासन के तहत लागत में कटौती के प्रयासों की निगरानी कर रहे हैं और “डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी” (DOGE) के प्रमुख हैं. इससे उन्हें उन एजेंसियों को प्रभावित करने की स्थिति मिल सकती है जो उनके व्यवसायों की देखरेख करती हैं. xAI और अब संयुक्त कंपनी में एक निवेशक ने रॉयटर्स को बताया कि वे इस सौदे से हैरान नहीं हैं. उनका मानना है कि यह मस्क की अपनी कंपनियों में नेतृत्व और प्रबंधन को मजबूत करने की रणनीति है. निवेशक ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि मस्क ने निवेशकों से मंजूरी नहीं मांगी, बल्कि उन्हें बताया कि दोनों कंपनियां पहले से ही करीब से सहयोग कर रही थीं और यह एकीकरण ग्रोक के साथ गहरे तालमेल को बढ़ावा देगा.
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