घर में ही बुरे घिरे ट्रंप, तो जिगरी दोस्त मस्क ने क्लिंटन-ओबामा को बनाया मोहरा

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अमेरिका में अप्रवासियों की वापसी (डिपोर्टेशन) को लेकर जारी विवाद के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर घरेलू मोर्चे पर घिरते नजर आ रहे हैं. हाल ही में एल साल्वाडोर के एक शरणार्थी, किल्मार एब्रेगो गार्सिया की डिपोर्टेशन पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद, ट्रंप प्रशासन की नीतियों पर सवालों की बौछार हो रही है. इसी राजनीतिक गर्मी के बीच, टेस्ला और एक्स के मालिक एलन मस्क ने अपने करीबी दोस्त ट्रंप के बचाव में एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें पूर्व राष्ट्रपतियों बिल क्लिंटन, जॉर्ज डब्ल्यू. बुश और बराक ओबामा के कार्यकाल में हुई डिपोर्टेशन की तुलना ट्रंप से की गई है.

मस्क ने एक पोस्ट रीशेयर करते हुए बहुत ही छोटी सी प्रतिक्रिया दी- Hmm… हालांकि उनका यह ‘हम्म’ अपने आप में कई सवाल खड़े कर रहा है. मस्क की तरफ से रीशेयर की गई पोस्ट में दावा किया गया है:

बिल क्लिंटन: 1.23 करोड़ डिपोर्टेशन – अदालत के स्थगन आदेश 0 (injunctions)

जॉर्ज डब्ल्यू बुश: 1.03 करोड़ डिपोर्टेशन – 0 injunctions

बराक ओबामा: 53 लाख डिपोर्टेशन – 0 injunctions

डोनाल्ड ट्रंप: सिर्फ 1 लाख डिपोर्टेशन – लेकिन अदालत के 30 स्थगन आदेश

यानी आंकड़ों के अनुसार, जिन पूर्व राष्ट्रपतियों ने लाखों की संख्या में अप्रवासियों को देश से निकाला, उन्हें कोर्ट की रोक का सामना नहीं करना पड़ा. लेकिन ट्रंप को बहुत कम संख्या में डिपोर्टेशन के बावजूद लगातार अदालती रुकावटों का सामना करना पड़ रहा है.

आंकड़ें दिखा रहे आधी हकीकत
दरअसल, मामला सिर्फ आंकड़ों का नहीं है, बल्कि ट्रंप प्रशासन की डिपोर्टेशन प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणियों का है. पिछले हफ्ते, कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन को चेतावनी दी कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनदेखी कर रहा है. विशेषकर वेनेज़ुएला के कुछ प्रवासियों को लेकर, जिन्हें ‘गैंग मेंबर’ कहकर देश से निकाला गया, कोर्ट ने इसे कानून की अवहेलना बताया.

इसी संदर्भ में ओबामा प्रशासन की पूर्व वरिष्ठ नीति सलाहकार सेसिलिया मुनोज़ का बयान भी सामने आया, जिन्होंने कहा था कि संख्या की तुलना करना ‘तथ्यात्मक तस्वीर’ नहीं देता. उन्होंने कहा था, ‘अगर आप हाल ही में आए लोगों को नहीं निकालते, तो सीमा वस्तुतः खुली मानी जाएगी. दो हफ्ते पहले आए व्यक्ति को निकालना अधिक मानवीय है, बनिस्बत किसी ऐसे व्यक्ति को जो 20 वर्षों से यहीं रह रहा हो और परिवार बसा चुका हो.’

क्या पीछे हटेंगे ट्रंप?
अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या ट्रंप अपने रुख में बदलाव करेंगे? सुप्रीम कोर्ट की सख्ती और मस्क जैसे समर्थकों के बचाव प्रयासों के बावजूद, ट्रंप का प्रशासन घरेलू और अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं के घेरे में है. ट्रंप पहले भी अदालतों की टिप्पणियों के बावजूद अपनी आव्रजन नीतियों को लेकर अडिग रहे हैं, लेकिन मौजूदा हालात में जब अदालत की सख्ती के साथ-साथ राजनीतिक माहौल भी गरमा रहा है, ऐसे में ट्रंप के पास या तो रणनीति बदलने का विकल्प है या फिर आने वाले समय में और कानूनी लड़ाइयों के लिए तैयार रहने का.

एलन मस्क का हस्तक्षेप यह जरूर दर्शाता है कि ट्रंप को अपने करीबी सहयोगियों से समर्थन मिल रहा है, लेकिन क्या यह समर्थन उन्हें अदालत की तल्ख टिप्पणियों और जनता की आलोचना से बचा पाएगा… यह देखने वाली बात होगी.

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