कौन है वो भेदिया जिसने ट्रंप का मिलिट्री अटैक वाला प्लान कर दिया लीक? किसको भेजा और क्या था सीक्रेट, समझें

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Last Updated:March 25, 2025, 07:26 IST

Trump War Plan Leak: ट्रंप प्रशासन की बड़ी चूक सामने आई जब हूती विद्रोहियों पर हमले की योजना एक निजी चैट ग्रुप में लीक हो गई. राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों ने गलती से पत्रकार जेफ्री गोल्डबर्ग को इस ग्रुप में जोड…और पढ़ें

डोनाल्ड ट्रंप का हूती विद्रोहियों पर हमले का प्लान लीक हुआ. (Reuters)

हाइलाइट्स

  • ट्रंप प्रशासन की हमले की योजना लीक हुई
  • गलती से पत्रकार जेफ्री गोल्डबर्ग को चैट ग्रुप में जोड़ा गया
  • लीक से अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा खतरे में पड़ी

वॉशिंगटन: अमेरिका वैसे तो बहुत स्मार्ट बनता है, लेकिन कई बार इसके बड़े-बड़े अधिकारी ऐसी गलती कर देते हैं जो एक बच्चा भी न करे. ऐसी ही एक गलती ट्रंप प्रशासन ने की है. दरअसल हूती विद्रोहियों पर हमले का प्लान एक चैट ग्रुप में लीक हो गया. द अटलांटिक के प्रधान संपादक जेफ्री गोल्डबर्ग ने इससे जुड़ा खुलासा किया. उन्होंने बताया कि गलती से ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों ने एक निजी चैट ग्रुप में उन्हें शामिल कर लिया. यह ग्रुप हूती विद्रोहियों पर हवाई हमले से जुड़ी चर्चा के लिए था, जिसमें बेहद संवेदनशील जानकारियां शेयर की जा रही थीं. जेफ्री गोल्डबर्ग ने अपने लेख में बताया कि हूतियों पर हमले की खबर 15 मार्च को जब सार्वजनिक हुई, उससे दो घंटे पहले उन्हें इसके बारे में पता था.

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ और NSA माइक वाल्ट्ज. (Reuters)

उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने उन्हें प्लान से जुड़ी जानकारी भेजी थी. इसमें अटैक के लिए इस्तेमाल होने वाले हथियार, टार्गेट और समय से जुड़ी सटीक जानकारी थी. गोल्डबर्ग के मुताबिक सबकुछ 11 मार्च को शुरू हुआ. उन्हें मैसेजिंग एप सिग्नल पर एक कनेक्शन रिक्वेस्ट मिली, जिसे अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने भेजा था. शुरू में तो उन्हें इस पर संदेह हुआ, लेकिन फिर भी उन्होंने रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली. दो दिन बाद उन्हें ‘हूती पीसी स्मॉल ग्रुप’ नाम के चैट ग्रुप में जोड़ा गया. इस ग्रुप में उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ और NSA माइक वाल्ट्ज जैसे टॉप अधिकारी शामिल थे, जो यमन में हूतियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की रणनीति पर चर्चा कर रहे थे.

क्या जानकारी हुई लीक
वाल्ट्ज को नहीं पता था कि गोल्डबर्ग ग्रुप में मौजूद हैं. वह लगातार संवेदनशील जानकारी साझा करते रहे. हमलों का सटीक समय, लक्ष्य और हथियारों की जानकारी की खुलेआम चर्चा की गई. हमला कब और कहां किया जाएगा, इसकी चर्चा हुई. इस ग्रुप में इस बात पर भी चर्चा की जा रही थी कि हमलों से तेल की वैश्विक कीमतों पर क्या असर होगा. अमेरिकी सैनिकों के मनोबल से जुड़ी चर्चा भी की गई. यह लीक बेहद गंभीर है, क्योंकि ऐसी जानकारी अमेरिकी सैनिकों की जिंदगी खतरे में डाल सकती थी.

ऐसे मामलों में क्या होता है?

ट्रंप के अधिकारियों ने जो किया है वो गंभीर मामला है. अत्यधिक गोपनीय जानकारी को गैर सरकारी एप पर शेयर करना और चर्चा में एक रिपोर्टर को शामिल करना अमेरिका के जासूसी अधिनियम के उल्लंघन की संभावना को बढ़ाता है. यह एक ऐसा कानून है, जिसके तहत न्याय विभाग ने ट्रंप पर भी मुकदमा चलाया था. ऐसा इसलिए क्योंकि अपना पहला कार्यकाल छोड़ने के बाद वह कुछ दस्तावेजों को साथ ले गए थे. CNN की रिपोर्ट के मुताबिक न्याय विभाग के पूर्व अधिकारियों के मुताबिक, सामान्य परिस्थितियों में इस तरह की गलती के लिए एफबीआई और न्याय विभाग के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभाग की ओर से जांच की जरूरत होती है.

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कौन है वो भेदिया जिसने ट्रंप का मिलिट्री अटैक वाला प्लान कर दिया लीक?

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