कुर्सी पर बैठने से पहले विनाशलीला देखना चाहते हैं ट्रंप? सामने आया इजरायल-ईरान जंग खत्म करने का तबाही वाला प्लान

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नई दिल्ली: चाहे मिडिल ईस्ट युद्ध हो या रूस-यूक्रेन जंग… दुनिया युद्ध की आग में जल रही है. डोनाल्ड ट्रंप बार-बार कह चुके हैं कि वह युद्ध खत्म कराने के पक्ष में हैं. भले ही डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि युद्ध खत्म हो, मगर शांति से पहले वह तबाही का मंजर देखना चाहते हैं. इजरायल-ईरान युद्ध को लेकर उनकी जो मंशा है, उससे साफ है कि वह तो बाइडन से भी अधिक खतरनाक साबित होंगे. हालांकि, वह यह सबकुछ राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले ही चाहते हैं. जी हां, डोनाल्ड ट्रंप के एडवाइजर माइक इवान्स के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप अगले 8 सप्ताह यानी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह से पहले ही यह रायता समेट देना चाहते हैं.

i24NEWS को दिए इंटरव्यू में एडवाइजर माइक इवान्स ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि इजरायल, ईरान के तेल फैसिलिटी और शिपिंग कमेंटनरों पर हमला कर दे. इससे इस्लामिक शासन यानी ईरान दिवालिया हो जाएगा और युद्ध हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा. ट्रंप के सलाहकार माइक इवान्स के मुताबिक, ईरान पर हमला करने का यह सुनहरा मौका है. इजरायल को यह काम नए राष्ट्रपति के शपथ लेने से पहले करना होगा.

एडवाइजर ने मचा दी खलबली
माइक इवांस ने जोर देकर कहा कि इजराइल के पास निर्णायक कार्रवाई करने के लिए 20 जनवरी तक सीमित समय है. उन्होंने गाजा और लेबनान में जारी संघर्षों का जिक्र करते हुए कहा, ‘ट्रंप चाहते हैं कि इजराइल अगले आठ सप्ताह में ईरान का काम तमाम कर दे. इजराइल साउथ और नॉर्थ में मामलों को निपटा सकता है, और फिर ध्यान ईरान पर केंद्रित किया जा सकता है.’ उनका मानना ​​​​है कि ट्रंप का टारगेट है कि इजराइल 12 जनवरी से पहले ईरान के तेल प्रतिष्ठानों और व्यापार कंटेनरों को निशाना बनाए. इसका मकसद है कि ईरानी अर्थव्यवस्था को पंगु बनाया जाए.

ट्रंप का पैगाम या मंशा
अब सवाल है कि क्या डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से सीधा यह पैगाम मिला है? तो इस सवाल के जवाब में इवांस ने कहा, ‘मुझे लगता है कि वो इसी तरफ इशारा कर रहे हैं. उन्हें चार साल से जानने के बाद मुझे पूरा यकीन है कि वो यही चाहते हैं.’ इवांस ने आगे कहा कि एक बार ईरान कमजोर हो गया, तो डोनाल्ड ट्रंप इजराइल को सुन्नी देशों से समझौता करवाने जैसे बड़े इनाम देंगे. उन्होंने कहा, ‘मैं क्राउन प्रिंस से मिला था, और मैं जानता हूं कि वो समझौते पर दस्तखत करना चाहते हैं. ये अब्राहम अकॉर्ड का सबसे अहम हिस्सा होगा.’

इस प्लान से तो और आग भड़केगी?
वहीं, डोनाल्ड ट्रंप और इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच बातचीत के बारे में इवांस ने कहा कि हाल ही में उनके बीच कोई सीधी बातचीत होने की संभावना नहीं है, क्योंकि ट्रंप अभी सत्ता में नहीं हैं. ट्रंप के सलाहकार के इस दावे ने खलबली मचा दी है. अगर इजरायल ईरान पर फिर से हमला करता है और उसके सबसे बड़े खजाने यानी तेल के ठिकानों पर हमला करता है तो युद्ध की आग और भड़केगी. भले ही डोनाल्ड ट्रंप युद्ध रुकवाने का दावा करते हों, मगर उनके सलाहकार ने जो दावा किया है, वह दुनिया को और युद्ध की आग में झोकने ही वाली है. डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को शपथ लेने वाले हैं. तब तक सत्ता में बाइडन ही रहेंगे. इवांस के दावे का यह भी मतलब हो सकता है कि ट्रंप चाहते हैं कि उनके कुर्सी पर बैठने से पहले सारा रायता समेट दिया जाए ताकि बाइडन के साथ ही युद्ध भड़काने का अमेरिका पर से आरोप भी चला जाए.

Tags: Donald Trump, Israel, Israel News, World news

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