दोस्तों से की कान में बात, फिर दुश्मन संग सबको लपेटा, कैसे ट्रंप ने चीन को किया चेकमेट?

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Last Updated:April 10, 2025, 10:40 IST

US-China Trade War: अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वार छिड़ गया है. डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 125% टैरिफ लगाया जबकि भारत समेत 75 देशों को 90 दिन की राहत दी. चलिए जानते हैं आखिर ट्रंप का प्लान क्या है?

ट्रंप का टैरिफ वार: चीन पर 125% शुल्क, भारत को 90 दिन की राहत

हाइलाइट्स

  • ट्रंप ने चीन पर 125% टैरिफ लगाया.
  • भारत समेत 75 देशों को 90 दिन की राहत मिली.
  • चीन ने अमेरिकी सामानों पर 84% टैरिफ लगाया.

US-China Trade War: अमेरिका और चीन के बीच अब टैरिफ वॉर छिड़ गया है. डोनाल्ड ट्रंप ने दोस्तों संग दोस्ती और दुश्मन संग दुश्मनी निभाई है. ट्रंप ने भारत को टैरिफ से 90 दिन की राहत दी है मगर चीन को तगड़ी चोट दी है. डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ प्लान को देखकर लगता है कि अमेरिका का असल टारगेट चीन ही है. अमेरिका लगातार चीन को टैरिफ वाला दर्द दे रहा है. अब डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत 75 देशों पर लगाए गए टैरिफ पर 90 दिनों के लिए ब्रेक लगा दिया है. मगर की ट्रंप ने जरा भी रियायत नहीं दी. अव्वल तो डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 125 फीसदी टैरिफ लगा दिया. डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ जो किया है, उससे साफ लग रहा कि उन्होंने दोस्तों से कान में बात करके ही ही यह फैसला लिया है.

दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को छोड़कर बाकी सभी देशों के लिए 90 दिनों के लिए टैरिफ पर रोक लगा दी है. जहां एक तरफ कई देशों को इस फैसले से फिलहाल राहत मिली है, वहीं दूसरी तरफ डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से होने वाले सभी आयातों पर 125% आयात शुल्क लगा दिए हैं. चीन ने भी पलटवार करते हुए अमेरिकी सामानों पर 84% तक आयात शुल्क लगा दिए हैं. इस फैसले से दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार युद्ध और तेज हो गया है.

अब सवाल है कि आखिर डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसा क्यों किया? अमेरिका की रणनीति चीन को सबक सिखाने और अन्य देशों पर दबाव बनाने की है. ऐसा लग रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत अन्य देशों से कान में बात की और फिर दुश्मन संग सबको लपेट लिया. अब बाद में फिर उन्हें राहत दे दी और चीन पर हथौड़ा चला दिया. व्हाइट हाउस ने अन्य देशों को सचेत किया है. उसका कहना है कि ट्रंप के टैरिफ पर जवाबी कार्रवाई नहीं करो. इसका इनाम मिलेगा. ट्रंप के लेटेस्ट फैसले से साफ है कि जिसने रिटैलिएट यानी जवाबी कार्रवाई की अमेरिका का चाबुक उसी पर चला है.

चीन पर क्यों चाबुक
भारत समेत अन्य देशों ने अमेरिका को जैसे को तैसा वाला जवाब नहीं दिया. भारत ने कूटनीतिक चैनल से अमेरिका से बातचीत जारी रखी. भारत के साथ-साथ इजरायल समेत कई देशों ने अमेरिका को टैरिफ पर मनाया. नतीजा हुआ कि अमेरिका ने अपने दोस्तों को बाद में 90 दिनों की राहत दे दी. मगर चीन पर टैरिफ और बढ़ा दिया. चीन को अमेरिका पूरी तरह से टैरिफ वॉर में घेर चुका है. अब चीन के पास जवाबी टैरिफ लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. एक्सपर्ट्स की मानें तो डोनाल्ड ट्रंप के इस कदम से ऐसा लग रहा कि उनका प्रयास अमेरिका और बाकी देशों के बीच के व्यापारिक टकराव को कम करते हुए केवल चीन पर ध्यान केंद्रित करने की ओर है. ट्रंप के नए ऐलान से वैश्विक बाजारों में तेजी देखी गई.

जानिए ट्रंप का प्लान
अब एक तरफ तो दुनिया के ज्यादातर देशों ने राहत की सांस ली, तो वहीं ट्रंप ने साफ कर दिया कि चीन को कोई राहत नहीं मिलेगी, बल्कि उस पर और दबाव डाला जाएगा. अब सवाल है कि अमेरिका ने चीन पर इतना टैरिफ क्यों बढ़ाया? ट्रंप काफी समय से चीन को अपनी आर्थिक कहानी का सबसे बड़ा विलेन मानते हैं. उनका आरोप है कि बीजिंग सस्ते सामानों की डंपिंग कर रहा है, करंसी में हेरफेर कर रहा है और अमेरिका की बौद्धिक संपदा चुरा रहा है. यही वजह है कि चीन को खास टैरिफ वाली सजा देने के लिए अलग-थलग करने का ट्रंप का फैसला सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि यह बेहद निजी और रणनीतिक भी है. ट्रंप टैरिफ वार से चीन को दुनिया में अलग-थलग करना चाहते हैं. अन्य देशों को टैरिफ राहत देकर ट्रंप अपने सहयोगियों को अपने साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि बीजिंग को अलग-थलग किया जा सके.

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