1, 2, 3… डोनाल्ड ट्रंप तो झूठों के सरदार निकले, उधर दे रहे थे भाषण, इधर खुल रही थी पोल

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Last Updated:March 05, 2025, 11:48 IST

Donald Trump Speech Fact Check: डोनाल्ड ट्रंप ने कांग्रेस को संबोधित करते हुए भारत-चीन टैरिफ वार, रूस-यूक्रेन युद्ध और पेरिस जलवायु समझौते पर कई दावे किए. सीएनएन ने उनके कई दावों को गलत बताया है.

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने भाषण में कई झूठे दावे किए.

हाइलाइट्स

  • ट्रंप ने पेरिस जलवायु समझौते पर गलत दावा किया.
  • पनामा नहर में मौतों पर ट्रंप का दावा गलत.
  • ट्रंप ने सोशल सिक्योरिटी पर गलत आंकड़े दिए.

Donald Trump Speech Fact Check: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार रात में अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने पहली बार कांग्रेस को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने बीते 44 दिनों के अपने कामकाज के बारे में कई दावे किए. उन्होंने भारत और चीन के साथ टैरिफ वार और रूस-यूक्रेन वार को लेकर कई अहम बातें कहीं. उन्होंने कहा कि दो अप्रैल से जो देश जितना टैरिफ लगा रहे हैं उसके खिलाफ अमेरिका भी उतना ही टैरिफ लगाएगा. इस दौरान उन्होंने भारत और चीन का जिक्र किया और कहा कि ये देश अमेरिकी समानों पर 100 फीसदी से अधिक टैरिफ लगा रहे हैं.

इस भाषण में उन्होंने अपने पूर्ववर्ती राष्ट्रपति जो बाइडन की खूब आलोचना की. उन्हें अमेरिकी इतिहास का सबसे खराब राष्ट्रपति तक कह दिया. उन्होंने यूक्रेन युद्ध को लेकर भी कई बातें कही. उन्होंने कहा कि उनको यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की का खत मिला है जिसमें उन्होंने व्यापक शांति के लिए सहमत होने की बात कही है. लेकिन, ट्रंप ने अपने इस भाषण में कई ऐसे दावे किए जिसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जा रहे हैं. अमेरिकी न्यूज संस्थान सीएनएन ने ट्रंप के भाषण के चार अहम बातों को गलत बताया है. फैक्ट चेक के जरिए उनसे इस दावों को गलत बताया है.

पेरिस जलवायु समझौते पर ट्रंप ने गलत दावा किया
ट्रंप ने एक बार फिर पेरिस जलवायु समझौते से हटने का समर्थन करते हुए कहा कि इस समझौते ने अमेरिका पर ट्रिलियन डॉलर का बोझ डाल दिया. जबकि दूसरे देशों को इसके लिए कुछ नहीं देना पड़ा. लेकिन, उनका यह दावा गलत है. दरअसल, पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन ने जलवायु वित्त के लिए सालाना 11.4 अरब डॉलर देने का वादा किया था. लेकिन अमेरिकी कांग्रेस ने बाइडन के तय किए गए लक्ष्य से कम पैसा आवंटित किया. 2022 तक, अमेरिका ने केवल 5.8 अरब डॉलर अंतरराष्ट्रीय जलवायु वित्त के लिए दिए. अमेरिका का जलवायु वित्तीय योगदान कभी भी ट्रिलियन डॉलर तक नहीं पहुंचा. इतना ही नहीं अमेरिका अकेला नहीं था जो जलवायु वित्त में पीछे था. दूसरे देशों ने भी 100 अरब डॉलर के वैश्विक जलवायु वित्त लक्ष्य को पूरा करने में मुश्किलें महसूस कीं. चीन, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने भी इस लक्ष्य में योगदान दिया. इस लक्ष्य को अब बढ़ाकर 2035 तक 300 अरब डॉलर वार्षिक किया गया है.

पनामा नहर में हुई मौतों पर ट्रंप ने झूठ बोला
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने यह गलत दावा किया कि पनामा नहर के निर्माण में 38,000 अमेरिकियों की मौत हुई थी. पनामा नहर के निर्माण के दौरान करीब 5,600 लोग मारे गए थे. इनमें से अधिकतर श्रमिक अफ्रीकी-कैरेबियाई थे, जैसे बारबाडोस और जमैका से आए हुए. इतिहासकार डेविड मैककलॉघ के अनुसार पनामा नहर के निर्माण में लगभग 350 गोरे अमेरिकी मारे गए थे. सीएनएन ने इस तथ्य का फैक्ट चेक किया है.

100 साल से अधिक उम्र के लोग सोशल सिक्योरिटी का लाभ ले रहे
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने यह दावा किया कि 47 लाख लोग जो 100 साल से अधिक उम्र के हैं, अभी भी सोशल सिक्योरिटी का लाभ प्राप्त कर रहे हैं. लेकिन, वास्तविकता कुछ और हरै. सोशल सिक्योरिटी प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2024 में केवल 89,000 लोग जो 99 साल या उससे अधिक उम्र के थे, सोशल सिक्योरिटी का लाभ प्राप्त कर रहे थे, न कि लाखों लोग जैसा ट्रंप ने कहा. सोशल सिक्योरिटी प्रशासन के अधिकारी लीलैंड डुडेक ने स्पष्ट किया कि ये आंकड़े उन लोगों के हैं जिनकी मृत्यु की तारीख सोशल सिक्योरिटी रिकॉर्ड में नहीं है. इसका मतलब यह नहीं है कि वे सचमुच लाभ प्राप्त कर रहे हैं.

ट्रंप का दावा- अंडे की कीमत बाइडन के कारण बढ़ी
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने यह दावा किया कि बाइडन ने अंडे की कीमतों को नियंत्रण से बाहर जाने दिया. असल में, अंडे की कीमतों में वृद्धि का मुख्य कारण एवियन फ्लू (पक्षी फ्लू) था, जिसकी वजह से पूरे देश में पक्षियों के झुंड को मारने की जरूरत पड़ी. यह कदम बाइडन प्रशासन के दौरान उठाया गया था, लेकिन ट्रंप प्रशासन में भी यह जारी रहा क्योंकि एवियन फ्लू का असर बढ़ता रहा. जब बाइडन ने कार्यभार संभाला था, तब अंडों की कीमत औसतन 1.47 डॉलर थी. जनवरी 2023 तक यह कीमत 4.82 डॉलर तक पहुंच गई थी, यानी 228% की बढ़ोतरी. बाइडन के कार्यकाल के अंत तक, जनवरी 2024 में यह कीमत 4.95 डॉलर तक पहुंच गई थी.

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