डोनाल्ड ट्रंप पर जरा भी रहम दिखाने के मूड में नहीं जज साहब, दे दिया एक और झटका

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नई दिल्ली: डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपती की कुर्सी संभालने वाले हैं. राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले ही ट्रंप मुसीबत बढ़ती दिख रही है. 10 जनवरी को उनकी सजा पर सुनवाई है. इसे टालने की डोनाल्ड ट्रंप पूरी कोशिश में हैं. मगर जज साहब जहा भी रहम दिखाने के मूड में नहीं हैं. न्यूयॉर्क के जज ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति-चुनाव डोनाल्ड ट्रंप की याचिका को खारिज कर दिया. इस याचिका में ट्रंप ने हश मनी मामले में 10 जनवरी को होने वाली सजा के ऐलान को टालने की मांग की थी.

जस्टिस जुआन मर्चेन ने पिछले सप्ताह फैसला सुनाया था कि ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह नजदीक होने के बावजूद शुक्रवार को उनकी सजा पर सुनवाई होनी चाहिए. उन्होंने ट्रंप के वकील की इस दलील को खारिज कर दिया था कि उनकी चुनावी जीत के बाद यह मामला खत्म हो जाना चाहिए. जस्टिस जुआन मर्चेन ने दो पन्नों के अपने फैसले में कहा कि अभियोजकों ने सजा टालने का विरोध किया था. कहा था कि ट्रंप की तरफ से आखिरी वक़्त में ऊपरी अदालत में अपील दायर कर उसे कामयाब बनाने की कोशिश नहीं की जाती है, तो सुनवाई तय समय पर होनी चाहिए.

जस्टिस जुआन मर्चेन ने कहा, ‘इस अदालत ने बचाव पक्ष की दलीलों पर गौर किया है और पाया है कि ये दलीलें ज़्यादातर वही हैं, जो उन्होंने पहले भी कई बार उठाई हैं.’ जज ने कहा, ‘बचाव पक्ष की तरफ से इन कार्यवाहियों पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका खारिज की जाती है, जिसमें 10 जनवरी 2025 को सजा पर सुनवाई टालने की मांग भी शामिल है.’ मर्चैन ने ट्रंप को शुक्रवार को होने वाली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से या वर्चुअली पेश होने का विकल्प दिया है. उन्होंने कहा है कि वह पूर्व और भावी राष्ट्रपति को जेल की सजा देने के पक्ष में नहीं हैं. यहां ध्यान देने वाली बात है कि ट्रंप किसी भी अपराध में दोषी ठहराए जाने वाले पहले पूर्व राष्ट्रपति हैं.

ट्रंप 34 मामलों में दोषी हैं
दरअसल, ट्रंप के वकीलों ने जज से अपील की थी कि जब तक मैनहट्टन की एक ज्यूरी की ओर से सुनाए गए उनके फैसले के खिलाफ अपील पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती, सजा टाल दी जाए. ट्रंप को मई में व्यापारिक रिकॉर्ड में हेराफेरी के 34 मामलों में दोषी ठहराया गया था. ये हेराफेरी उन्होंने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को हश मनी देने के लिए की थी, ताकि वह 2006 में उनके साथ कथित यौन संबंधों का खुलासा न कर सकें.

किस आधार पर खारिज करने की मांग?
2020 की अपनी हार को पलटने की कोशिश के दौरान ट्रंप के समर्थकों ने अमेरिकी संसद पर धावा बोला था. इस घटना के चार साल बाद सोमवार को ट्रंप को 2024 के राष्ट्रपति चुनाव का विजेता घोषित किया गया. उनका शपथ ग्रहण समारोह 20 जनवरी को होना है. ट्रंप के वकीलों ने कई आधारों पर इस मामले को खारिज करने की मांग की थी. इसमें पिछले साल सुप्रीम कोर्ट का वह ऐतिहासिक फैसला भी शामिल है, जिसमें कहा गया था कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपतियों को अपने कार्यकाल के दौरान किए गए कई आधिकारिक कार्यों के लिए मुकदमे से व्यापक छूट हासिल होती है.

Tags: Donald Trump, Special Project, US News

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