Last Updated:April 19, 2025, 11:03 IST
Donald Trump on COVID-19 Lab Leak : डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर कोरोना वायरस की उत्पत्ति का मुद्दा उठाया है, वुहान लैब को जिम्मेदार ठहराया है और नई वेबसाइट लॉन्च की है. ट्रंप ने बाइडेन, डॉ. फाउची और WHO पर भी आरोप …और पढ़ें
व्हाइट हाउस ने कोविड-19 वेबसाइट लॉन्च की, जिसमें कोरोना वायरस की उत्पत्ति के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया गया है.
हाइलाइट्स
- ट्रंप ने चीन पर कोरोना उत्पत्ति का आरोप लगाया.
- नई वेबसाइट में वुहान लैब को जिम्मेदार ठहराया गया.
- ट्रंप ने बाइडेन, फाउची और WHO पर भी आरोप लगाए.
वाशिंगटन. डोनाल्ड ट्रंप जबसे दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं, तभी से उन्होंने चीन को लेकर सख्त रवैया अपना रखा है. इस बार उन्होंने 5 साल पहले दुनियाभर में तबाही मचाने वाले जिन्न को एक बार फिर बाहर निकाला है और ड्रैगन पर हमला किया है. अमेरिकी सरकार ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति का मुद्दा फिर से बाहर निकालकर चीन को कटघरे में खड़ा कर दिया है. ट्रंप प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अब इस मामले को दबाया नहीं जाएगा, बल्कि दुनिया को ‘कोविड का सच’ बताया जाएगा.
दरअसल व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को एक नई कोविड-19 वेबसाइट लॉन्च की है, जिसमें सीधे तौर पर चीन और वुहान की लैब को कोरोना महामारी के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. वेबसाइट के मुताबिक, वायरस की उत्पत्ति वुहान की उस लैब से हुई है, जो पहले से ही संदिग्ध रिसर्च और सुरक्षा खामियों के लिए जानी जाती है.
इतना ही नहीं, ट्रंप प्रशासन ने इस वेबसाइट के जरिए जो बाइडेन, पूर्व मेडिकल सलाहकार डॉ. एंथनी फाउची और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) पर भी हमला बोला है. आरोप है कि इन सभी ने मिलकर वायरस की ‘लैब लीक थ्योरी’ को दबाने की कोशिश की और सच को छिपाने में अहम भूमिका निभाई.
ट्रंप का बाइडेन पर प्रहार
वेबसाइट पर एक बैनर है, जिसमें लिखा है- ‘लैब लीक: द ट्रू ओरिजिन्स ऑफ कोविड-19’, और साथ ही ट्रंप की तस्वीर के साथ यह दावा किया गया है कि पिछली सरकारें और मीडिया ‘सच को छिपाने, भ्रम फैलाने और गैर-जवाबदेही’ के एक अभियान में शामिल थे.
व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि यह वेबसाइट कोविड-19 की उत्पत्ति को दर्शाती है और दिखाती है कि कैसे डेमोक्रेट्स और मीडिया ने वैकल्पिक स्वास्थ्य उपचारों और लैब-लीक थ्योरी को बदनाम किया. इसके अलावा, वेबसाइट में पांच प्रमुख बिंदुओं को लिस्ट किया गया है, जो यह सुझाव देते हैं कि कोविड-19 की उत्पत्ति प्राकृतिक नहीं थी.
5 बड़े दावे…
- कोरोना वायरस में एक ऐसी जैविक विशेषता है, जो प्रकृति में नहीं पाई जाती.
- सभी कोविड मामले एक ही स्रोत से फैले, जबकि पहले की महामारियों में कई स्पिलओवर घटनाएं होती थीं.
- वुहान लैब में जीन संशोधन (गेन ऑफ फंक्शन रिसर्च) का इतिहास रहा है, जिसमें सुपर-वायरस बनाए जाते थे.
- 2019 की शरद ऋतु में लैब के कुछ शोधकर्ता कोविड जैसे लक्षणों से बीमार पड़े थे.
- अब तक वायरस की प्राकृतिक उत्पत्ति का कोई स्पष्ट वैज्ञानिक प्रमाण सामने नहीं आया.
वुहान में चीन का प्रमुख सार्स रिसर्च लैब है, जिसका पर्याप्त जैवसुरक्षा के बिना गेन-ऑफ-फंक्शन अनुसंधान (जीन परिवर्तन और जीवों को सुपरचार्ज करने) का इतिहास रहा है. वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के शोधकर्ता 2019 की शरद ऋतु में कोविड जैसे लक्षणों के साथ बीमार थे, जो कि वेट मार्केट में कोविड-19 की खोज से महीनों पहले था. विज्ञान के लगभग सभी मापदंडों के अनुसार, अगर कोरोना वायरस की प्राकृतिक उत्पत्ति का कोई सबूत होता, तो वह अब तक सामने आ चुका होता. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
अब दुनिया की निगाहें जिनपिंग पर हैं. क्या वे इस बार फिर से चुप रहेंगे या कोई ठोस जवाब देंगे? ट्रंप तो पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर चुके हैं और इस बार वे पीछे हटने के मूड में बिल्कुल नहीं लगते.
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