भेजना था वियतनाम, पहुंचा दिया सूडान… ट्रंप कमाल हैं, उनके अफसर तो और…

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Last Updated:May 21, 2025, 16:19 IST

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के अधिकारियों ने वियतनामी और बर्मी प्रवासियों को ‘अवैध रूप से दक्षिण सूडान निर्वासित’ कर दिया. आप्रवासी अधिकार वकीलों का कहना है कि व्हाइट हाउस ने अदालत के आदेश का उल्लंघन क…और पढ़ें

ट्रम्प के अफसरों ने वियतनामी और बर्मी अप्रवासियों को सूडान भेज दिया.(Image:PTI)

हाइलाइट्स

  • ट्रम्प प्रशासन ने प्रवासियों को सूडान निर्वासित किया.
  • अदालत ने आदेश का उल्लंघन मानते हुए वापसी का आदेश दिया.
  • वकीलों ने आपातकालीन आदेश की मांग की.

वाशिंगटन. आप्रवासी अधिकार समर्थकों ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन पर म्यांमार और वियतनाम सहित अन्य देशों के लगभग एक दर्जन प्रवासियों को अदालती आदेश का उल्लंघन करते हुए दक्षिण सूडान निर्वासित करने का आरोप लगाया है. उन्होंने अमेरिकी जिला न्यायाधीश ब्रायन मर्फी से इन प्रवासियों की वापसी का आदेश देने का अनुरोध किया है. मर्फी ने पहले प्रशासन को प्रवासियों को उनके मूल देशों के अलावा अन्य देशों में निर्वासित करने से रोका था.

प्रवासियों के वकीलों ने मंगलवार को अदालत में आवेदन दायर किया, जिसमें बताया गया कि टेक्सास के एक हिरासत केंद्र से इन प्रवासियों को मंगलवार सुबह दक्षिण सूडान ले जाया गया. एक वर्चुअल सुनवाई में मर्फी ने न्याय विभाग के वकील को चेतावनी दी कि यह उल्लंघन आपराधिक अवमानना का मामला हो सकता है और उन्होंने विमान को वापस लौटाने पर विचार करने की बात कही.

इन प्रवासियों में म्यांमार के एक व्यक्ति, एनएम, शामिल थे, जिनके वकील को सोमवार को अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन से ईमेल मिला, जिसमें दक्षिण सूडान निर्वासित करने की योजना बताई गई थी. एनएम की अंग्रेजी की जानकारी बहुत सीमित है. उन्होंने केवल अंग्रेजी में दिए गए निष्कासन नोटिस पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिये, जो अदालती आदेश का उल्लंघन था. वकीलों को मंगलवार सुबह पता चला कि उनके मुवक्किल को दक्षिण सूडान भेज दिया गया.

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इसी तरह, टेक्सास के उसी हिरासत केंद्र में बंद एक वियतनामी व्यक्ति की पत्नी ने अपने वकील को बताया कि उनके पति सहित 11 अन्य लोगों को भी निर्वासित कर दिया गया. वकीलों ने जज से आपातकालीन आदेश जारी करने का अनुरोध किया ताकि प्रवासियों को बिना सुनवाई के हटाए जाने से रोका जा सके. उन्होंने मैरीलैंड के किल्मर एब्रेगो गार्सिया का उदाहरण दिया, जिन्हें गलत तरीके से अल साल्वाडोर निर्वासित किया गया था, और सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले का हवाला दिया, जो ऐसे हालातों में तत्काल वापसी को उचित मानता है. जबकि अमेरिकी विदेश विभाग ने अपराध, अपहरण और हथियारबंद संघर्ष के कारण पहले ही दक्षिण सूडान की यात्रा न करने की सलाह दे रखी है.

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Rakesh Singh

Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in …और पढ़ें

Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in … और पढ़ें

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