Agency:News18Hindi
Last Updated:January 26, 2025, 11:51 IST
डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ कठोर रुख अपनाया है. उन्होंने H1-B वीजा में कटौती की और चीन, कनाडा, मैक्सिको पर टैरिफ बढ़ाया।.उनके फैसलों का असर भारत और यूरोप पर भी पड़ा है.
डोनाल्ड ट्रंप के फैसले पूरी दुनिया में खलबली.
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने से पहले ही अपनी मंशा जाहिर कर दी थी. ट्रंप हमेशा से अवैध प्रवासियों के खिलाफ कठोर रहे हैं. चुनावी प्रचार के दौरान कमला हैरिस और उनमें अवैध और वैध प्रवासियों को लेकर लगातार बहस भी हुआ था. हालांकि, ट्रंप इस मुद्दे के लेकर अड़ रहे, इस मुद्दे पर उन्होंने चुनाव में बाजी भी मारी. उन्होंने हमेशा से जोर दिया कि अमेरिका पर सिर्फ अमेरिकियों का हक है, बाहर से आए सभी अपराधियों को देश से भागना होगा. वहीं, उन्होंने कई बड़े देशों के खिलाफ टैरिफ बढ़ाने की भी वकालत की है. इसके जद में कनाडा और चीन-भारत भी हैं. उन्होंने राष्ट्रपति बनने से पहले जो-जो वादा किया था, उसे पूरा करने पर लगातार मोहर ठोक रहे हैं. ट्रंप के फैसलों का प्रभाव न केवल पड़ोसी देशों पर बल्कि यूरोप होते हुए एशिया तक पहुंच चुका है.
ट्रंप सरकार ने H1-B वीजा में कटौती की वकालत की. भारतीय इस फैसले को लेकर चिंतित हैं. क्योंकि अमेरिका में पिछले साल 1 लाख 30 हजार H1-B जारी किया गया था, इसमें अकेले 24 हजार के करीब भारतीय लाभार्थी थे. एच-1बी वीजा की कटौती होगी तो लाजिमी है कि भारतीयों को चिंता होगी. वहीं, उन्होंने अमेरिका में रह रहे अवैध भारतीयों को डिपोर्ट करने की बात कही थी, इस आदेश का असर तत्काल रूप 18 हजार भारतीयों पर पड़ने वाला. वहीं, अमेरिका में 7 लाख 25 हजार भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं, जिनपर ट्रंप के फैसले का सीधा असर होने वाला है. बताते चलें कि अमेरिका में अवैध प्रवासियों के पर धरपकड़ जारी है. 500 को अरेस्ट कर उनके देश डिपोर्ट कर दिया गया है.
जन्मजात नागरिकता
ट्रंप ने जन्मजात नागरिकता को समाप्त करने का भी आदेश दे दिया है, जिससे अमेरिका में इस आशा में कि उनके बच्चों को अमेरिका की नागरिकता मिल जाएगी, के सपनों पर पानी फिर गया. वहीं, उनके अंदर डर का भी माहौल बना हुआ. कई टिप्पणीकारों ने जन्म पर नागरिकता के नियम में बदलाव को लेकर चिंता भी जताई है. संवैधानिक रूप से, प्रादेशिक अमेरिका में पैदा होने वाले किसी भी बच्चे को स्वचालित रूप से अमेरिकी नागरिकता मिल जाती थी. हालांकि, एक आदेश में कहा गया है कि यह गैर-आप्रवासी वीजा (छात्र वीजा और कार्य वीजा सहित) पर रहने वाले लोगों के बच्चों या गैर-दस्तावेज श्रमिकों के बच्चों पर लागू नहीं होगा.
चीन, कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ बम
ट्रंप ने कनाडा, चीन और मैक्सिकों को अपने टैरिफ बम से घेरा है. चीनियों को 10 प्रतिशत टैरिफ़ की चिंता सता रही है. तो कानाडा पर 25 प्रतिशत टैरिफ अटैक से वहां की ट्रूडो सरकार ही गिर गई. कनाडा इस बात को लेकर चिंतित है कि कनाडाई सामान पर टैरिफ लगाने से उनके अमेरिका के व्यापार घाटा कम हो जाएगा. मैक्सिको पर भी उन्होंने 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का आदेश दिया है. अमेरिका ने लाखों मैक्सिको के नागिरकों को ड्रग कार्टेल द्वारा संचालित और समर्थित करार दिए जाने और लाखों अवैध मेक्सिकोवासियों को अमेरिका से निकाले जाने का खौफ बना हुआ है.
यूरोप पर भी असर
यूरोपीय यूनियन में ट्रंप की उदासीनता को लेकर चिंतिंत हैं. यूरोपीय यूनियन व्यापार घाटा पर ट्रंप के बयान, अमेरिकी वस्तुओं पर यूरोपीय संघ के प्रतिबंध, यूरोपीय वस्तुओं पर व्यापार प्रतिबंधों और नाटो या उसके रक्षा वादों पर ट्रंप की उदासीनता भी उनकी चिंता बढ़ा रही है. ग्रीनलैंड पर ट्रंप के बायन ने डेनमार्क की चिंता बढ़ा दी है. उसे ग्रीनलैंड खोने की चिंता है और पनामा को पनामा नहर खोने की चिंता है. ट्रंप ने पनामा और ग्रिनलैंड पर कब्जा करने की इच्छा जाहिर कर दी है.
January 26, 2025, 11:51 IST
नई दुनिया बनाने जा रहे हैं ट्रंप? चीन-भारत के लिए चुनौती बना US का मेगा प्लान
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