Last Updated:March 17, 2025, 13:16 IST
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़े पैमाने पर डिपोर्टेशन शुरू कर दिया है. स्थिति यह आ गई है कि वह अदालती आदेशों को भी नहीं मान रहे. अमेरिक ने अब लगभग 200 कथित गैंग मेंबर्स को अल सल्वाडोर की जेल में भेज दिय…और पढ़ें
अमेरिका में ट्रंप प्रशासन पर अदालत का आदेश न मानने के आरोप लगे हैं. (Reuters)
हाइलाइट्स
- ट्रंप प्रशासन ने सैकड़ों प्रवासियों को निर्वासित किया
- न्यायाधीश के आदेश के बावजूद निर्वासन जारी रहा
- ट्रंप ने 18वीं सदी के कानून का इस्तेमाल किया
वॉशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को सैकड़ों कथित वेनेजुएला गैंग मेंबर्स को अमेरिका से अल सल्वाडोर की जेल में भेज दिया. अमेरिका में एक संघीय न्यायाधीश की ओर से 18वीं सदी के युद्धकालीन शक्तियों के तहत डिपोर्ट पर अस्थायी रूप से रोक लगाई गई थी, लेकिन ट्रंप ने इन आदेशों को सीधे तौर पर मानने से इनकार कर दिया. अमेरिका में न्यायपालिका और वाइट हाउस के बीच यह सबसे नवीनतम टकराव है. अदालत ने जब 200 कथित गैंग मेंबर्स के निर्वासन पर अस्थायी रोक लगाने का आदेश दिया तो विमान पहले ही उड़ान भर चुके थे. एक्सियोस की रिपोर्ट के मुताबिक जब ट्रंप प्रशासन पर अदालत के आदेश की अवहेलना के आरोप लगे तो अधिकारियों ने कहा कि विमान पहले ही इंटरनेशनल जल क्षेत्र में था. ट्रम्प के आलोचक राष्ट्रीय सुरक्षा वकील मार्क एस जैद ने एक्स पर लिखा कि ट्रम्प को अंततः महाभियोग का सामना करना पड़ सकता है.
ट्रंप ने निर्वासन में तेजी लाने के लिए 18वीं सदी के कानून का इस्तेमाल किए जाने की घोषणा की थी. इसके कुछ ही घंटों बाद ‘यूएस डिस्ट्रिक्ट जज’ जेम्स ई बोसबर्ग ने इस पर रोक लगाए जाने का शनिवार को आदेश जारी किया, लेकिन वकीलों ने उन्हें बताया कि दो विमान प्रवासियों को लेकर अल साल्वाडोर और होंडुरास की ओर पहले की उड़ान भर चुके हैं. बोसबर्ग ने विमानों को वापस लौटने का मौखिक आदेश दिया लेकिन जाहिर तौर पर ऐसा नहीं किया गया और न्यायाधीश के लिखित आदेश में भी यह निर्देश शामिल नहीं था.
क्या बोला वाइट हाउस?
अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने रविवार को एक बयान में इन अटकलों का जवाब दिया कि क्या प्रशासन अदालती आदेशों का उल्लंघन कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘प्रशासन ने अदालती आदेश का पालन करने से इनकार नहीं किया. इस आदेश का कोई वैधानिक आधार नहीं है और यह ‘TDA’ के विदेशी आतंकवादियों को अमेरिकी क्षेत्र से पहले ही हटा दिए जाने के बाद जारी किया गया था.’ टीडीए का तात्पर्य ‘ट्रेन डी अरागुआ’ गिरोह से है जिसे ट्रंप ने शनिवार को जारी घोषणा में निशाना बनाया था.
18वीं सदी के कानून का किया इस्तेमाल
ट्रंप प्रशासन ने 18वीं सदी के कानून का इस्तेमाल करने की घोषणा करते हुए शनिवार को कहा था कि वेनेजुएला का एक गिरोह अमेरिका पर आक्रमण कर रहा है और प्रशासन के पास उसके सदस्यों को देश से बाहर निकालने के लिए नयी शक्तियां हैं. ट्रंप ने 1798 के ‘एलियन एनीमीज एक्ट’ (विदेशी शत्रु अधिनियम) को लागू करने की घोषणा करते हुए दावा किया कि वेनेजुएला का गिरोह ‘ट्रेन डी अरागुआ’ अमेरिका पर आक्रमण कर रहा है. यह अधिनियम राष्ट्रपति को निर्वासन में बड़े पैमाने पर तेजी लाने के लिए नीतिगत और कार्यकारी कार्रवाई के संबंध में व्यापक छूट देता है.
अमेरिकी इतिहास में इस अधिनियम का इस्तेमाल अब तक केवल तीन बार हुआ है और वह भी केवल युद्ध के दौरान किया गया. इससे पहले इसका इस्तेमाल द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान हुआ था. उस समय जर्मन और इतालवी लोगों को कैद करने के साथ-साथ जापानी-अमेरिकी नागरिकों को सामूहिक रूप से नजरबंद करने के लिए इसका इस्तेमाल किया गया था.
एजेंसी इनपुट के साथ.
New Delhi,New Delhi,Delhi
March 17, 2025, 13:04 IST
अमेरिका में ट्रंप को हटाया जाएगा? अदालत का आदेश न मानने से ‘संवैधानिक संकट’
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