Last Updated:May 22, 2025, 15:48 IST
America Mega Tsunami Research: वर्जीनिया टेक के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि कैस्केडिया सबडक्शन जोन में शक्तिशाली भूकंप के बाद अमेरिका में एक हजार फीट ऊंची मेगा सुनामी आ सकती है, जिससे भारी तबाही होगी.
अमेरिका में सुनामी का खतरा मंडरा रहा है. (File photo)
हाइलाइट्स
- अमेरिका पर मेगा सुनामी का खतरा मंडरा रहा है.
- कैस्केडिया सबडक्शन जोन में भूकंप से सुनामी आ सकती है.
- तटीय शहर 6.5 फीट तक धंस सकते हैं.
नई दिल्ली. दुनिया के सबसे ताकतवर देश यानी अमेरिका पर अबतक के इतिहास के सबसे खतरनाक जलजले का खतरा मंडरा रहा है. दावा किया जा रहा है कि एक हजार फीट की ऊचाई जितनी सुनामी की लहरें उठेंगी. इस दौरान इतनी तबाही मचेगी कि किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा. वर्जीनिया टेक के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि कैस्केडिया सबडक्शन जोन में शक्तिशाली भूकंप आने के बाद ऐसा होगा. प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित इस अध्ययन में कहा गया कि अगले 50 सालों में 15% संभावना है कि 8.0 तीव्रता का भूकंप इस क्षेत्र में आए और फिर अमेरिका के पश्चिमी तटीय शहर 6.5 फीट तक धंस जाएं. सिएटल, पोर्टलैंड, अलास्का, हवाई के शहरों को भारी नुकसान की संभावना जताई गई है.
क्या होती है मेगा सुनामी?
मेगा सुनामी सामान्य सुनामी से अधिक खतरनाक होती है. सामान्य सुनामी की लहरें कुछ फीट ऊंची होती हैं, जबकि मेगा सुनामी की लहरें सैकड़ों फीट ऊंची होती हैं. ये बड़े समुद्री घटनाओं जैसे भूकंप, भूस्खलन, ज्वालामुखी विस्फोट से उत्पन्न होती हैं. कैस्केडिया सबडक्शन जोन उत्तरी वैंकूवर द्वीप से कैलिफोर्निया के केप मेंडोसिनो तक 700 मील में फैला है. यह उत्तरी अमेरिका का सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र है.
धंस जाएंगे तटीय शहर!
पिछले 10,000 वर्षों में यहां 43 भूकंप दर्ज किए गए हैं, जिनमें से अंतिम 26 जनवरी 1700 को 9.0 तीव्रता का था. इससे तट धंसा और सुनामी उत्पन्न हुई. अध्ययन के प्रमुख लेखक टीना दुरा के अनुसार, भूकंप के बाद तटीय क्षेत्रों में बाढ़ का दायरा बढ़ेगा और ठीक होने में लंबा समय लगेगा. दक्षिणी वाशिंगटन, उत्तरी ओरेगन और उत्तरी कैलिफोर्निया को सबसे ज्यादा नुकसान होने की आशंका है. अलास्का और हवाई भी जोखिम में हैं. मेगा सुनामी की लहरें कई मील अंतर्देशीय तक जा सकती हैं, जिससे तटीय बाधाएं नष्ट हो सकती हैं और लोगों को भागने का समय नहीं मिलेगा.
भारत में सुनामी से गई थी दो लाख जानें
ओरेगन आपातकालीन प्रबंधन विभाग का कहना है कि 9.0 तीव्रता का भूकंप और 100 फीट की सुनामी फिर से तट को प्रभावित कर सकती है. भारत जैसे देश, जहां 2004 की सुनामी ने 2 लाख से अधिक लोगों की जान ली थी, इस खतरे को समझ सकते हैं. यह अध्ययन वैश्विक स्तर पर तटीय क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन और तैयारी की आवश्यकता बताता है. मेगा सुनामी जैसी दुर्लभ लेकिन विनाशकारी घटनाओं के लिए तकनीकी और सामुदायिक तैयारी अनिवार्य है ताकि लाखों लोगों की जान बचाई जा सके.

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और…और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और… और पढ़ें
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