Last Updated:June 24, 2025, 21:04 IST
Operation Midnight Hammer: अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने के लिए टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों और जीबीयू-57 बंकर-बस्टर बमों के अलावा पांच गुप्त हथियारों का इस्तेमाल किया. इनके बारे में अब तक किसी को पता नहीं था. इनको अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु स्थलों- फोर्डो, नतांज और एस्फहान पर हमला करने के मिशन के लिए तैनात किया था. GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP) ले जाने वाले B-2 बमवर्षक विमानों ने अमेरिका के व्हाइटमैन एयर फ़ोर्स बेस से उड़ान भरी. मौके पर पहुंचने के बाद B-2 को लिंक-अप एस्कॉर्ट और सपोर्ट एयरक्राफ्ट से जोड़ा गया. अमेरिका ने GBU को गिराए जाने से पहले पांच हथियारों का इस्तेमाल किया. बमवर्षकों और एस्कॉर्ट्स के बीच बेहतरीन स्तर पर समन्वय था और न्यूनतम संचार था.
अमेरिका ने ईरान के एयर डिफेंस को दबाने के लिए AGM-88E एडवांस्ड एंटी-रेडिएशन गाइडेड मिसाइल का इस्तेमाल किया. हवा से जमीन पर मार करने वाली इस मिसाइल का मुख्य टारगेट उड़ने वाली चीजें होती हैं. एजीएम-88ई मिसाइल मैक 2 से अधिक गति से यात्रा कर सकती है. एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट के अलावा, यह एफ-35ए, एफ-16 और ईए-18 ग्रोलर (एफ/ए-18 का एक प्रकार) के साथ भी दागी जा सकती है.

एडीएम-160 एक कम लागत वाला मॉड्यूलर एयर लॉन्च विमान है, जो अमेरिकी लड़ाकू विमान और मित्र देशों के लड़ाकू विमानों के लड़ाकू प्रोफाइल के रडार सिग्नेचर की नकल करता है. यह जो दुश्मन के रडार पर अमेरिकी विमान जैसा दिखता है.

लॉकहीड मार्टिन द्वारा बनाया गया AGM-158 एक स्टील्थ क्रूज मिसाइल है जिसे मिशन के दौरान बैकअप हथियार के रूप में रखा जाता है. F-35 को इनसे लैस किया गया था. आज तक 3,500 से अधिक JASSM मिसाइलें बनाई जा चुकी हैं. उनके वारहेड में 1,000 पाउंड का विस्फोट विखंडन है और इसकी सीमा 500 समुद्री मील (926 किमी) से अधिक है.

रेथियॉन द्वारा बनाया गया JSOW कई वेरिएंट वाली हथियार प्रणालियों का एक परिवार है. इस हथियार को अमेरिकी नौसेना और वायु सेना द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया था, ताकि दुश्मन की हवाई रक्षा की सीमा से बाहर लंबी दूरी से लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए एक मानकीकृत मध्यम दूरी के ग्लाइड हथियार को तैनात किया जा सके. ये हथियार मिशन के दौरान स्टैंडबाय पर थे और दुश्मन के लड़ाकू विमानों के हमले की स्थिति में ईरानी एयरबेस के बुनियादी ढांचे पर तैनात किए गए थे. मिसाइल को इसलिए नहीं दागा गया क्योंकि बी-2 ने लड़ाकू विमानों के हमले को ट्रिगर नहीं किया.

ग्रोलर F/A-18 सुपर हॉर्नेट का एक प्रकार है. ग्रोलर एक वाहक-आधारित लड़ाकू विमान है जिसने EA-6B प्रॉलर की जगह ली है. इस मिशन में, ग्रोलर ने अपनी उड़ान के दौरान लगातार जामिंग की और B-2 बमवर्षकों के उड़ान पथ को साफ किया. इसने दुश्मन के रडार को जाम करने और अपने EW सूट की क्षमता के साथ ईरान के कमांड और कंट्रोल सेंटर को निशाना बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक युद्ध मिशन को अंजाम दिया. ग्रोलर में सुपर हॉर्नेट की तरह ही बहु-भूमिका क्षमता है. इनका उत्पादन पहली बार 2004 में शुरू हुआ और 2006 में इसने अपनी पहली उड़ान भरी. इसमें एआईएम-120 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, एजीएम-88 हाई-स्पीड एंटी-रेडिएशन मिसाइल (एचएआरएम) लगी हुई है, जो दुश्मन के रडार के इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन को निशाना बनाकर उसे नष्ट कर देती है.
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