दुनिया की एक चौथाई आबादी मुस्लिम, 10 सालों में सबसे तेजी से बढ़ी, जानें हिंदुओं की स्थिति

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Muslim Population Around World: प्यू रिसर्च सेंटर के नए अनुमानों के अनुसार, 2010 से 2020 तक के दशक में मुसलमानों की संख्या में ऐतिहासिक रूप से सबसे तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है. इस दौरान मुसलमानों की संख्या 34.7 करोड़ बढ़कर 2 अरब हो गई है, जबकि ईसाइयों की संख्या 12.2 करोड़ बढ़कर 2.3 अरब हो गई. जबकि हिंदुओं की संख्या 126 मिलियन बढ़कर 1.2 बिलियन हो गई. वैश्विक जनसंख्या के अनुपात के रूप में हिंदुओं की संख्या 14.9% पर स्थिर रही.

यह बढ़ोतरी न केवल धार्मिक विविधता के नजरिए से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दुनिया के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति को भी प्रभावित करती है. रिपोर्ट में उल्लेख है कि इस अवधि में मुस्लिम जनसंख्या की बढ़ोतरी सभी गैर-मुस्लिम धर्मों की संयुक्त बढ़ोतरी से भी अधिक रही. 2020 में मुस्लिम आबादी में हुई बढ़ोतरी (347 मिलियन) खुद में बौद्धों की कुल संख्या (324 मिलियन) से भी अधिक रही.

मुस्लिम और ईसाई जनसंख्या में अंतर: क्या है ताजा आंकड़ा?
2010 में मुस्लिम जनसंख्या दुनिया की आबादी का 23.9% थे और ईसाई 30.6%, लेकिन 2020 तक मुसलमानों का प्रतिशत बढ़कर 25.6% हो गई है, वहीं ईसाइयों की जनसंख्या घटकर 28.8% पर आ गई है. इस परिवर्तन के पीछे एक बड़ा कारण यह भी रहा कि मुस्लिम समुदाय में औसतन अधिक जन्म दर देखी गई. स्टडी के अनुसार, 2015-2020 के आंकड़ों के आधार पर, एक मुस्लिम महिला औसतन 2.9 बच्चे जन्म देती है, जबकि गैर-मुस्लिम महिलाओं के लिए यह दर 2.2 है. यह फर्क धीरे-धीरे मुस्लिम और ईसाई जनसंख्या के बीच के अंतर को कम कर रहा है. अगर यही रफ्तार बनी रही तो आने वाले दशकों में दोनों समुदायों की संख्या लगभग बराबर हो सकती है.

मुस्लिम जनसंख्या वृद्धि के पीछे के जनसांख्यिकीय कारण
रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि मुस्लिम आबादी की वृद्धि के पीछे मुख्य कारण जनसांख्यिकीय विशेषताएं हैं, जो इस प्रकार हैं:

  • अधिक जन्म दर (2.9 प्रति महिला)
  • कम औसत आयु (24 वर्ष बनाम गैर-मुस्लिमों के 33 वर्ष)
  • युवा आबादी की अधिकता

इस तरह की जनसांख्यिकीय विशेषताएं भविष्य में सामाजिक और आर्थिक योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण हो सकती हैं. उदाहरण के लिए युवा आबादी होने का मतलब है कि शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सेवाओं की अधिक आवश्यकता होगी.

दुनिया के अलग देशों में मुस्लिम जनसंख्या
2020 में मुसलमानों की सबसे बड़ी संख्या एशिया-प्रशांत क्षेत्र में दर्ज की गई, जहां कुल 1.2 अरब मुसलमान रहते थे. उसके बाद मध्य पूर्व-उत्तर अफ्रीका क्षेत्र में 414 मिलियन और उप-सहारा अफ्रीका में 369 मिलियन मुसलमान थे. दिलचस्प बात यह है कि भले ही इस्लाम मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका से निकला हो, लेकिन वहां केवल 20% मुसलमान ही रहते हैं. वैश्विक स्तर पर मुस्लिम जनसंख्या का सबसे बड़ा हिस्सा एशिया में है, जिसमें भारत, पाकिस्तान, इंडोनेशिया और बांग्लादेश जैसे देश प्रमुख भूमिका निभाते हैं.

यूरोप और उत्तरी अमेरिका में भी मुस्लिम जनसंख्या की वृद्धि दर्ज की गई है, लेकिन वहां उनकी कुल संख्या अन्य की तुलना में कम है. फिर भी, 2010 से 2020 के बीच इन क्षेत्रों में मुस्लिम जनसंख्या की वृद्धि दर गैर-मुस्लिम आबादी की तुलना में अधिक रही.

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English News
https://www.abplive.com/news/world/according-to-pew-research-center-by-2010-to-2020-number-of-muslims-become-fastest-growing-religious-population-in-world-know-about-hindu-2977313

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