9/11 हमले वाले दिन कहां थे अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश? रेडी था एयरफोर्स वन, सुनते ही भागे

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11 सितंबर 2001 को अमेरिका में अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ. अलकायदा के आतंकवादियों ने चार जहाज हाईजैक किये. उनकी योजना एक साथ न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, पेंटागन और कैपिटल बिल्डिंग पर हमले की थी. दो जहाज वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से टकराए और एक पेंटागन से. जबकि चौथा जहाज पेन्सिल्वेनिया में क्रैश हो गया. अमेरिकी कांग्रेस की स्पीकर रही नैंसी पेलोसी हाल ही में Simon & Schuster से प्रकाशित अपनी किताब ‘द आर्ट ऑफ पावर’ (The Art of Power) में सिलसिलेवार पूरी घटना को बयां किया है.

हमले वाले दिन क्या-क्या हुआ?
नैंसी पेलोसी लिखती हैं कि सुबह के 8:46 बज रहे थे. मैं कैपिटल हिल में डेमोक्रेटिक लीडर डिक गेफहार्ड के साथ बैठी थी. हम लोग लेजिस्लेटिव एजेंडे पर चर्चा कर रहे थे. पीछे टीवी पर मॉर्निंग न्यूज़ चल रहा थी और आवाज म्यूट थी. करीब 9:00 बजे टीवी पर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की तस्वीर दिखी, जिसमें आग की लपटें उठ रही थीं और धुंआ निकल रहा था. टीवी पर फ्लैश हुआ कि एक जहाज वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से टकराया है.

हम लोगों को कुछ समझ में नहीं आया कि क्या हुआ है. तब तक अंदाजा नहीं था कि ये आतंकी हमला है. 3 मिनट बाद 9:03 पर हमें एक और जहाज वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से टकराता दिखा. कुछ सेकंड तो हमें लगा कि पहले वाला हादसा रिप्ले हो रहा है लेकिन बाद में पता लगा कि एक दूसरा जहाज टकराया है. तब हमें समझ में आया कि अमेरिका पर आतंकी हमला हुआ है.

नैंसी पेलोसी की किताब The Art of Power

नैंसी पेलोसी लिखती हैं कि हमले के बाद हम लोग अपने-अपने ऑफिस की तरफ भागे. इस बीच कैपिटल पुलिस भी आ गई. उन्होंने हमें बताया कि दो और प्लेन हाईजैक किए गए हैं जो वाशिंगटन की तरफ बढ़ रहे हैं. उन्होंने फौरन हमें इवैक्यूएट करने को कहा. मैं और मेरा स्टाफ सीढ़ियों की तरफ भागे. पेलोसी लिखती हैं कि उस वक्त मैं इंटेलिजेंस की कमेटी में भी शामिल थी. इस नाते उन लोगों में थी जिन्हें फौरन एक सिक्योर फैसिलिटी में ले जाया गया. वहां कई घंटे हमें कोई जानकारी ही नहीं मिली कि बाहर क्या हो रहा है. टीवी पर जो चल रहा था बस उतनी ही जानकारी थी.

उस दिन कहां थे राष्ट्रपति जॉर्ज बुश?
नैंसी पेलोसी लिखती है की घटना वाले दिन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश फ्लोरिडा के स्कूल में विजिट पर थे. वह बच्चों से मिल रहे थे तभी उन्हें हमले की खबर दी गई. उन्होंने आनन-फानन में अपनी स्पीच खत्म की. इसके बाद एयरफोर्स वन से उन्हें भी सिक्योर लोकेशन पर ले जाया गया. तीन दिन बाद वह खुद वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ग्राउंड जीरो पर पहुंचे.

Defining images from the 9/11 attacks - September 10, 2024 | Reuters

9/11 हमले में कितने लोगों की मौत हुई?
इस आतंकी हमले में करीब 3000 लोगों की मौत हुई. ज्यादातर मौतें न्यूयॉर्क में हुईं. वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पूरी तरह धराशाई हो गया और 2600 से ज्यादा लोगों की जान गई. वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी विंग में तो कोई भी जिंदा नहीं बचा. उधर पेंटागन में 125 लोग मारे गए. अमेरिका पर हमले की जिम्मेदारी अल-कायदा ने ली. कुल 19 हमलावरों ने विमान हाईजैकिंग और हमले को अंजाम दिया था. 15 आतंकवादी सऊदी अरब के थे, दो यूएई, एक मिस्र और एक लेबनान का था.

अफगानिस्तान पर हमला
आतंकी हमले के महीने भर के भीतर ही राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने अलकायदा और ओसामा बिन लादेन को खत्म करने के लिए अफगानिस्तान पर हमला कर दिया. तमाम देशों ने इसका समर्थन किया. नैंसी पेलोशी लिखती हैं कि कायदे से किसी देश के खिलाफ युद्ध छोड़ने की शक्ति कांग्रेस के पास है. साल 1973 में वियतनाम वॉर के समय जो ‘वॉर पावर्स रेजोल्यूशन’ पास हुआ था, उसमें कांग्रेस को शक्ति दी गई थी. हालांकि इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि अगर अमेरिका पर कोई हमला होता है और नेशनल इमरजेंसी की स्थिति बनती है तो तो सारी शक्तियां राष्ट्रपति को हस्तांतरित हो जाएंगी. 9/11 हमले के बाद कांग्रेस के अधिकतर मेंबर युद्ध के पक्ष में थे.

10 साल बाद ओसामा को मार गिराया
अमेरिकी फौज ने अफगानिस्तान में अल-कायदा को चुन चुन कर खत्म करना शुरू किया. हालांकि इसका लीडर ओसामा बिन लादेन हर बार उसके चंगुल से बचता रहा. आखिरकार करीब 10 साल बाद साल 2011 में अमेरिकी फौज ने पाकिस्तान के एबटाबाद में लादेन को मार गिराया.

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