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नेवियंट कंपनी ने सीएनबीसी को बताया कि उसने छात्र ऋण उधारकर्ताओं के साथ अपने व्यवहार को लेकर उपभोक्ता वित्तीय संरक्षण ब्यूरो के साथ 120 मिलियन डॉलर का समझौता किया है।
सीएफपीबी ने 2017 में नेविएंट पर उधारकर्ताओं को गुमराह करने और उन्हें गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया था, जिसके कारण कई उधारकर्ताओं को आवश्यकता से अधिक भुगतान करना पड़ा था।
नेवियंट ने कहा कि समझौते के एक भाग के रूप में, 100 मिलियन डॉलर का उपयोग प्रभावित ग्राहकों को भुगतान करने के लिए किया जाएगा, जैसा कि सीएफपीबी द्वारा निर्धारित किया जाएगा।
शेष 20 मिलियन डॉलर सीएफपीबी के नागरिक दंड कोष में जाएंगे।
नेवियंट ने 2021 में सरकार के संघीय छात्र ऋण की सेवा बंद कर दी। ऋणदाता ने संघीय छात्र ऋण की सेवा फिर से शुरू नहीं करने पर भी सहमति व्यक्त की है।
गुरुवार सुबह बाजार खुलने से पहले नेविएंट के शेयरों में 1% से अधिक की गिरावट देखी गई।
सीएफपीबी के निदेशक रोहित चोपड़ा ने एक बयान में कहा, “कई वर्षों से नेविएंट के शीर्ष अधिकारी छात्रों और करदाताओं का शोषण करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।”
चोपड़ा ने कहा, “कुख्यात छात्र ऋण दिग्गज कंपनी को संघीय छात्र ऋण सेवा से प्रतिबंधित करके तथा इन कार्यों को बंद करके, सीएफपीबी अंततः वर्षों से चल रहे दुरुपयोग को समाप्त कर देगा।”
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