Zomato से अब नहीं मंगवा पाएंगे 15 मिनट में खाना, कंपनी ने ऐप से हटाया‘क्विक सर्विस’ का ऑप्शन

Must Read

अगर आप भी जोमैटो ऐप पर झटपट खाना मंगाने की सोच रहे थे, तो यह खबर आपके लिए है. जोमैटो ने हाल ही में बिना कोई शोर-शराबा किए अपनी 15 मिनट फूड डिलीवरी सर्विस ‘क्विक’ को ऐप से हटा दिया है. यानी अब जोमैटो से फटाफट खाना मंगाने का ऑप्शन मौजूद नहीं है. यह सर्विस सिर्फ कुछ ही महीनों पहले लॉन्च की गई थी, लेकिन अब इसका नामोनिशान ऐप में नहीं दिख रहा.

क्या है ‘क्विक’ सर्विस?

जोमैटो ने ‘क्विक’ के नाम से एक ऐसी सर्विस शुरू की थी, जिसमें ग्राहकों को 15 मिनट में खाना मिल जाने का वादा किया गया था. इसे खास तौर पर बड़े शहरों जैसे बेंगलुरु, मुंबई, हैदराबाद और गुरुग्राम में लॉन्च किया गया था. यह सर्विस जोमैटो की ‘एवरीडे’ कैटेगरी का हिस्सा थी, जिसमें किफायती और घरेलू खाने का दावा किया गया था.

अचानक क्यों हटाई गई?

जोमैटो ने अब तक इस फैसले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन यह पहली बार नहीं है जब कंपनी ने इस तरह की सर्विस को अचानक बंद किया हो. इससे पहले 2022 में भी जोमैटो ने ‘इंस्टेंट’ डिलीवरी सर्विस शुरू की थी, जिसमें सिर्फ 10 मिनट में खाना देने का वादा था, लेकिन वह प्लान ज्यादा दिन नहीं टिक पाया और 2023 की शुरुआत में बंद कर दिया गया.

कहां थी मुश्किल?

जल्दी खाना डिलीवर करने के आइडिया में दिखने वाला जोश ज़मीनी हकीकत में काफी चुनौतीभरा साबित होता है। रेस्तरां पार्टनर्स को तैयार करना सबसे बड़ी मुश्किल होती है, क्योंकि उन्हें पहले से ही बहुत सारे ऑर्डर मिलते रहते हैं. ऊपर से हर ऑर्डर को क्वालिटी बनाए रखते हुए कुछ ही मिनटों में तैयार करना और फिर डिलीवरी करना, एक बहुत ही टफ प्रोसेस है.

ब्लिंकिट बना जोमैटो की उम्मीद की किरण

हालांकि, ग्रॉसरी डिलीवरी में जोमैटो को अच्छा खासा रिस्पॉन्स मिल रहा है. ग्रोफर्स को खरीदकर बनाए गए ‘ब्लिंकिट’ प्लेटफॉर्म के जरिए जोमैटो ने 10 मिनट में किराना पहुंचाने का जो मॉडल अपनाया, वो सफल रहा है. अब ब्लिंकिट के जरिए ही ‘बिस्ट्रो बाय ब्लिंकिट’ जैसी नई पहलें भी की जा रही हैं, जिनमें छोटे-छोटे खाने के आइटम्स को तेजी से डिलीवर किया जाता है. लेकिन यह अभी बहुत सीमित स्तर पर उपलब्ध है.

क्या फास्ट फूड डिलीवरी का आइडिया फेल है?

ऐसा नहीं है कि फास्ट फूड डिलीवरी का आइडिया खराब है, लेकिन इसे लागू करना इतना आसान भी नहीं. जब बात फ्रेश और गर्म खाने की हो, तो 15 मिनट में हर चीज़ को परफेक्ट करना बहुत मुश्किल हो जाता है. शायद यही वजह है कि जोमैटो ने इस रास्ते से पीछे हटने का फैसला लिया.

आगे क्या?

फिलहाल तो जोमैटो की ‘क्विक’ सर्विस ऐप से हट चुकी है और कंपनी ने इससे जुड़ी कोई जानकारी शेयर नहीं की है, लेकिन इससे इतना जरूर साफ है कि तेजी से खाना पहुंचाने के प्लान को सफल बनाना आसान नहीं है, खासकर तब जब क्वालिटी से समझौता न किया जाए.

tech news, technology news, hindi tech news, tech news hindi, hindi news today, tech hindi news today, hindi news , latest news hindi, breaking news, oxbig hindi news, hindi news today, oxbig news, oxbig news network

English News

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -