Varun Mohan: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में एक नई टैलेंट वॉर तेज़ी से उभर रही है. इस बार इसका केंद्र बने हैं वरुण मोहन Windsurf के सह-संस्थापक और पूर्व CEO. हाल ही में Google ने Windsurf से वरुण मोहन उनके सह-संस्थापक डगलस चेन और कंपनी के सीनियर R&D स्टाफ को अपने साथ जोड़ लिया है. हालांकि, Windsurf अब भी सक्रिय है और उसके नए अंतरिम CEO जेफ वांग के मुताबिक, कंपनी की कोर टीम अपने एंटरप्राइज़ टूल्स को आगे विकसित करती रहेगी.
OpenAI से डील के करीब था Windsurf पर Google ने मारी बाज़ी
Windsurf एक तेज़ी से बढ़ता AI स्टार्टअप है जो कोड जनरेशन पर केंद्रित है. खबर थी कि OpenAI इस कंपनी को करीब 3 अरब डॉलर में खरीदने वाला है लेकिन डील पूरी होने से पहले Google ने एक चौंकाने वाला कदम उठाया.
Google ने Windsurf की कुछ तकनीकों के लिए $2.4 बिलियन का गैर-एक्सक्लूसिव लाइसेंस खरीदा, जिससे Windsurf अन्य कंपनियों को भी अपनी तकनीक बेच सकेगा. हालांकि यह अधिग्रहण नहीं है, फिर भी Google ने Windsurf की AI टीम को DeepMind में शामिल कर एक बड़ा दांव चला है.
Thrilled to welcome @windsurf_ai founders @_mohansolo & Douglas Chen and some of the brilliant Windsurf eng team to @GoogleDeepMind. Excited to be working with them to turbocharge our Gemini efforts on coding agents, tool use and much more. Great to have you on board!
— Demis Hassabis (@demishassabis) July 11, 2025
Google DeepMind के CEO डेमिस हासाबिस ने X (पूर्व ट्विटर) पर इस नई टीम का स्वागत करते हुए इसे “एजेंटिक कोडिंग” को आगे ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया.
वरुण मोहन कौन हैं?
वरुण मोहन, Windsurf के पूर्व CEO, भारतीय प्रवासी माता-पिता की संतान हैं और कैलिफ़ोर्निया के सनीवेल शहर में पले-बढ़े. उन्होंने सैन होज़े के द हार्कर स्कूल से पढ़ाई की, जहां वो मैथ्स और कंप्यूटर ओलंपियाड में अपनी प्रतिभा के लिए जाने गए.
MIT से शिक्षा
2014 से 2017 के बीच उन्होंने MIT (Massachusetts Institute of Technology) से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस में बैचलर डिग्री ली, और 2017 में मास्टर्स भी पूरा किया, जिसमें उनका फोकस ऑपरेटिंग सिस्टम्स, मशीन लर्निंग, डिस्ट्रिब्यूटेड कंप्यूटिंग और एल्गोरिद्म पर रहा.
वरुण मोहन ने Nuro, Quora, LinkedIn, Databricks और Samsung जैसी बड़ी टेक कंपनियों में काम कर अपने करियर की शुरुआत की. उनकी पहचान एक ऐसे इंजीनियर के रूप में बनी जो जटिल एल्गोरिद्म को वास्तविक प्रोडक्ट कोड में बदलने की महारत रखते हैं.
Windsurf की कहानी
2021 में वरुण ने अपने MIT के सहपाठी और दोस्त डगलस चेन के साथ Codeium नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया, जिसे बाद में Windsurf नाम मिला. शुरू में कंपनी GPU वर्चुअलाइजेशन पर काम करती थी, लेकिन बाद में उन्होंने AI-नैटिव IDE और IDE प्लगइन्स पर फोकस किया. वरुण की लीडरशिप में Windsurf ने केवल 4 महीनों में 1 मिलियन से ज़्यादा डेवेलपर्स को जोड़ा और $243 मिलियन की फंडिंग हासिल कर $1.25 बिलियन की वैल्यूएशन पाई.
एजेंटिक IDE का नया युग
वरुण मोहन उन शुरुआती लोगों में से हैं जिन्होंने “एजेंटिक IDE” कॉन्सेप्ट को सामने रखा, जिसमें LLMs (Large Language Models) को एजेंटिक वर्कफ़्लो जैसे कि Cascade के साथ जोड़ा गया. उनका मानना है कि आने वाले समय में AI कोडिंग की बोरिंग चीज़ों को संभालेगा और इंजीनियर्स इनोवेशन और सिस्टम डिज़ाइन पर ध्यान देंगे.
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