दुनिया के 10 सबसे ज्यादा ड्रोन तकनीक वाले देश कौन से हैं, लिस्ट में कितने मुस्लिम मुल्क, जानिए

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Top 10 Military Drones Technology Countries: आज के समय में जंग सिर्फ बंदूक और बम से नहीं लड़ी जाती, बल्कि  मुकाबला ‘ड्रोन’ के दम पर होती है. अब मिलिट्री ड्रोन सिर्फ दुश्मन पर नजर रखने के लिए नहीं बल्कि उनपर सीधा हमला करने वाले आधुनिक हथियार बन चुके हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर ईरान और इजरायल देशो के बीच संघर्षों में ड्रोन ने अपनी ताकत का लोहा मनवाया है. आज तकनीक ही युद्ध लड़ रही है. अमेरिका, तुर्की और पोलैंड जैसे देश इस तकनीकी रेस में आगे हैं, आइए जानते हैं वे 10 देश जो सैन्य ड्रोन तकनीक में सबसे आगे हैं.
अमेरिका इस लिस्ट में सबसे आगे
अमेरिका के पास दुनिया का सबसे बड़ा सैन्य ड्रोन सिस्टम है. यहां की सेना के पास 13,000 से ज्यादा मिलीट्री ड्रोन मौजूद हैं. इनमें MQ-9 Reaper, RQ-11 Raven, MQ-1C Gray Eagle और RQ-4 Global Hawk जैसे एडवांस्ड ड्रोन शामिल हैं. अमेरिका की वायुसेना इन ड्रोन का इस्तेमाल निगरानी, हमले और जासूसी जैसे मिशनों में करती है.
तुर्की, कम समय में भी ज्यादा तकनीकी विकास
तुर्की ने हाल के वर्षों में ड्रोन तकनीक में जबरदस्त बढ़त हासिल की है. इसका सबसे चर्चित ड्रोन Bayraktar TB2 है,जो अब कई देशों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है. तुर्की ने यह साबित कर दिया है कि तकनीक में आत्मनिर्भरता से बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं. आज तुर्की के पास दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मिलिट्री ड्रोन तकनीक है.
पोलैंड के सुसाइड ड्रोन्स
पोलैंड भी इस लिस्ट में  तीसरे नंबर पर है. पोलैंड ने लगभग 1,000 सैनिक ड्रोन तैनात किए हैं. इनमें Warmate जैसे सुसाइड ड्रोन शामिल हैं जो लक्ष्य से टकरा कर विस्फोट करते हैं. इसके साथ ही Orlik और Orbiter जैसे ड्रोन निगरानी के करने के लिए काम आते हैं.
रूस , निगरानी से लेकर हमले तक के ड्रोन
रूस के पास Orlan-10 जैसे सैकड़ों टोही ड्रोन हैं जो युद्ध क्षेत्र में दुश्मन की हर गतिविधि पर नजर रखते हैं. रूस इजरायल से खरीदे गए Searcher MK II ड्रोन का भी इस्तेमाल करता है. इसके अलावा वह अब हथियारों से लैस लंबी दूरी के ड्रोन बनाने पर फोकस कर रहा है, ताकि वह युद्ध के समय तकनीकी रूप से और भी मजबूत हो जाए.
जर्मनी, छोटे लेकिन प्रभावशाली ड्रोन 
जर्मनी के पास इस समय करीब 670 मिलिट्री ड्रोन हैं. ये ड्रोन न केवल निगरानी बल्कि सीमित हमलों के लिए भी सक्षम हैं. जर्मनी अपने ड्रोन को अंतरराष्ट्रीय सैनिक अभियानों में भी इस्तेमाल करता है.
भारत  भी है इस लिस्ट में शामिल
तकनीकी शक्तियों के मामले में भारत भी किसी से पीछे नहीं हैं. भारत के पास फिलहाल 625 मिलिट्री ड्रोन हैं, जिनमें इजरायली Heron-1 और SpyLite जैसे आधुनिक ड्रोन शामिल हैं. भारत अब स्वदेशी ड्रोन निर्माण की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है ताकि विदेशो से ड्रोन खरीदने की निर्भरता कम हो सके.
फ्रांस  के पास है यूरोपीय तकनीक और अमेरिकी ताकत 
फ्रांस के पास 591 सैन्य ड्रोन हैं. इनमें Thales द्वारा बनाए गए Spy’Ranger, Safran Patroller और अमेरिका से आयात किए गए MQ-9 Reaper शामिल हैं. यह मिश्रण फ्रांस की ड्रोन शक्ति को सबसे खास बनाता है.
ऑस्ट्रेलिया ,बड़े और छोटे ड्रोन का कॉम्बिनेशन
ऑस्ट्रेलिया के पास 557 ड्रोन हैं.इसके पास PD-100 Black Hornet जैसे माइक्रो ड्रोन हैं जो सैनिकों के व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए उपयोग होते हैं. वहीं MQ-9 Reaper जैसे बड़े ड्रोन भी ऑस्ट्रेलिया अपने सुरक्षा अभियानों में इस्तेमाल करता है.
दक्षिण कोरिया ,सुरक्षा और निगरानी में सबसे आगे
दक्षिण कोरिया के पास 518 ड्रोन हैं, जिनमें से कुछ अमेरिका से खरीदे गए हैं और कुछ घरेलू स्तर पर दक्षिण कोरिया द्वारा बनाए गए हैं. इनका उपयोग मुख्य रूप से सीमा की सुरक्षा और जासूसी में किया जाता है.
फिनलैंड,कम संख्या में वाले रणनीतिक ड्रोन
फिनलैंड के पास 412 सैन्य ड्रोन हैं. इनमें Orbiter 2-B और Ranger जैसे ड्रोन शामिल हैं जिन्हें खासतौर पर सीमा की निगरानी और ब्रिगेड स्तर पर तैनात किया गया है.

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