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स्टारलिंक ब्रॉडबैंड सर्विस
Elon Musk की कंपनी Starlink भारत में अपनी सेवाएं जल्द शुरू कर सकती है। कंपनी को फिलहाल भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) से अप्रूवल मिलने का इंतजार है। पिछले दिनों स्टारलिंक ने भारत के लीडिंग टेलीकॉम ऑपरेटर्स Jio और Airtel के साथ अपनी साझेदारी की घोषणा की थी। इन दोनों टेलीकॉम ऑपरेटर्स के आउटलेट्स से स्टारलिंक के डिवाइस खरीदे जा सकेंगे। हालांकि, यह साझेदारी कंपनी को भारत में अप्रूवल मिलने पर निर्भर करता है।
भारत में जल्द शुरू होगी सर्विस
जियो और एयरटेल भी स्टारलिंक की तरह ही भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस प्रदान करेंगे। इन दोनों कपनियों को सरकार की तरफ से अप्रूवल मिला हुआ है। सैटेलाइट सर्विस के लिए स्पेक्ट्रम अलोकेशन के बाद ये दोनों कंपनियां अपनी ब्रॉडबैंड सर्विस शुरू कर देंगी। सामने आई एक रिपोर्ट की मानें तो स्टारलिंक की सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस में यूजर्स को मौजूदा ब्रॉडबैंड के मुकाबले कई गुना ज्यादा स्पीड से इंटरनेट सर्विस मुहैया कराई जा सकती है, जो कई टैराबाइट प्रति सेकेंड यानी Tbps तक हो सकती है।
ET टेलीकॉम की लेटेस्ट रिपोर्ट की मानें तो स्टारलिंक सैटेलाइट ब्रॉडबैंड के जरिए मिलने वाली इंटरनेट स्पीड Airtel OneWeb या Jio-SES की सैटेलाइट इंटरनेट के मुकाबले 80 से 90 गुना ज्यादा हो सकती है। लोअर ऑर्बिट सैटेलाइट के जरिए ये दोनों कंपनियां 50gbps से 70gbps की स्पीड से इंटरनेट मुहैया करा सकती हैं। एलन मस्क की कंपनी ने स्टारलिंक ब्रॉडबैंड सर्विस के लिए भारत के तीन शहरों मुंबई, पुणे और इंदौर में गेटवे सेटअप कर सकती है। यह गेटवे सैटेलाइट और टैरेस्ट्रियल नेटवर्क के बीच एक ब्रिज की तरह काम करेंगे ताकि तेजी से डेटा ट्रांसफर किया जा सके।
कई गुना तेज होगी इंटरनेट स्पीड
इस समय भारत में मौजूद नॉन-जिओस्टेशनरी ऑर्बिट (NGSO) सैटेलाइट के जरिए 70Gbps तक की स्पीड से इंटरनेट एक्सेस किया जा सकता है, वहीं जिओस्टेशनरी ऑर्बिट (GSO) के जरिए 58Gbps की स्पीड से इंटरनेट एक्सेस किया जा सकता है। स्टारलिंक फिलहाल कई देशों में अपने जेनरेशन-1 सैटेलाइट्स के जरिए ब्रॉडबैंड सर्विस मुहैया करा रहा है।
Starlink के पास करीब 4,400 जेनरेशन-1 और 2,500 जेनरेशन-2 सैटेलाइट्स मौजूद हैं। कंपनी आने वाले समय में जेनरेशन-2 वाले 30,000 सैटेलाइट्स को और लॉन्च करने वाली है। भारत में स्टारलिंक की कैपेसिटी क्या होगी फिलहाल यह साफ नहीं है। सर्विस शुरू करने के अप्रूवल मिलने के बाद ही इसके बारे में पता चलेगा। उम्मीद है कि आने वाले कुछ सप्ताह में कंपनी को सरकार की तरफ से क्लियरेंस मिल जाए।
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