नई दिल्ली. डच डेटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी (DPA) ने नेटफ्लिक्स पर ये आरोप लगाया है कि कंपनी ने साल 2018 से 2020 के बीच अपने ग्राहकों के पर्सनल डेटा का इस्तेमाल कैसे किया गया, इस बारे में पर्याप्त सूचना नहीं दी है. लिहाजा अथॉरिटी ने नेटफ्लिक्स पर €4.75 मिलियन यानी करीब 42.35 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.
यह जुर्माना साल 2019 में शुरू हुई एक जांच के बाद लगाया गया है. जांच में पता चला है कि स्ट्रीमिंग दिग्गज ने यूरोपीय यूनियन के जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (GDPR) की आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया है.
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जांच में ये पाया गया: डीपीए, इसे लेकर जो जांच कर रही थी, उसमें पाया गया कि नेटफ्लिक्स की प्राइवेसी पॉलिसी में स्पष्टता की कमी है. खासकर कंपनी ने इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं दी कि वह अपने कस्टमर डेटा को कैसे संभालती है. कंपनी के पास इस बात का कोई स्पष्ट जवाब नहीं था कि वह ग्राहकों के व्यक्तिगत डेटा की गोपनीयता को कैसे सुनिश्चत करती है. इसके अलावा, जब ग्राहकों ने नेटफ्लिक्स से डेटा की बारीकियों के बारे में पूछताछ की, तो उन्हें भी पर्याप्त विवरण नहीं दिया गया. पारदर्शिता की यह कमी GDPR का उल्लंघन करती है. GDPR, दरअसल एक नियम है, जिसके तहत व्यवसायों को ये बताना पड़ता है कि वह पर्सनल जानकारी को कैसे संभालते हैं और जब ग्राहक डेटा जानकारी का अनुरोध करें तो उन्हें उचित जवाब मिले.
डच रेगुलेटर ने कहा कि जांच में साल 2018 और 2020 के दौरान नेटफ्लिक्स के डेटा सुरक्षा नियमों में कमियां पाई गईं और उस पर लगाया गया जुर्माना इसी अवधि के दौरान यूरोपीय यूनियन के गोपनीयता कानूनों के पालन न कर पाने की वजह से लगाया गया है.
Tags: Business news, Netflix indiaFIRST PUBLISHED : December 19, 2024, 22:37 IST
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