बारिश के मौसम में मच्छरों से बचाव के लिए अधिकतर घरों में मच्छर भगाने वाली इलेक्ट्रिक मशीनों का सहारा लिया जाता है. गुड नाइट, ऑल आउट जैसी लिक्विड वैपोराइज़र डिवाइसेज लगभग हर घर में आम हो गई हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन्हें हर समय सॉकेट में लगाकर रखना आपकी जेब पर सालाना अच्छी-खासी मार डाल सकता है?
मशीन में लगा होता है छोटा-सा हीटर
गौरतलब है कि इन मशीनों में एक छोटा-सा हीटर लगा होता है, जो लिक्विड कंटेनर को गर्म करके गैस में बदल देता है. यह गैस मच्छरों को भगाने का काम करती है. चूंकि मशीन का हीटर लगातार गर्म होता रहता है, इसलिए यह हर समय बिजली की खपत करता है, चाहे मच्छर हों या न हों.
हर दिन 0.12 यूनिट बिजली की खपत
जानकारों के अनुसार, एक मच्छर भगाने वाली मशीन औसतन 5 से 7 वॉट बिजली की खपत करती है. यदि इसे 24 घंटे चालू रखा जाए, तो यह हर दिन लगभग 0.12 यूनिट बिजली खर्च करती है. ऐसे में एक महीने में करीब 3.6 यूनिट और सालभर में लगभग 43.8 यूनिट बिजली खर्च हो जाती है.
सिर्फ एक मशीन से ₹219 का सालाना खर्च
अगर एक यूनिट बिजली की औसत कीमत ₹5 मानी जाए, तो केवल एक मशीन से सालभर में लगभग ₹219 का बिजली बिल बढ़ जाता है. वहीं अगर घर में दो मशीनें हैं, तो यह खर्च दोगुना होकर ₹438 तक पहुंच सकता है. कई घरों में तीन से चार मशीनें भी लगी रहती हैं, जिससे यह खर्च और बढ़ जाता है.
आदत में बदलाव से होगी बचत
यह छोटी-सी दिखने वाली डिवाइस आपकी जेब पर भारी पड़ सकती है. विशेषज्ञों की सलाह है कि इन मशीनों का उपयोग सिर्फ जरूरत के समय ही किया जाए और काम खत्म होते ही सॉकेट से निकाल दिया जाए. यह न केवल बिजली की बचत करेगा, बल्कि सालाना सैकड़ों रुपए आपके बचत खाते में भी जोड़ेगा.
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