Arrow-4 सिस्टम की सबसे खास बात इसका “शूट-लुक-शूट” कॉन्सेप्ट है. यानी यदि पहली कोशिश में मिसाइल पूरी तरह लक्ष्य को खत्म नहीं कर पाती तो सिस्टम फौरन स्थिति को दोबारा आंककर दुबारा सटीक हमला कर सकता है. इस नई प्रणाली में आधुनिक वॉरहेड तकनीक और बेहद संवेदनशील सीकर सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है जिससे यह हाइपरसोनिक स्पीड से आने वाली और एडवांस बैलिस्टिक मिसाइलों को भी रोकने में सक्षम है.हाल ही में जब ईरान ने इजरायल पर एडवांस बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, तब इजरायल ने करीब 85% मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने में सफलता पाई लेकिन फिर भी लगभग 50 मिसाइलें उसके इलाके में आकर गिरीं, जिससे भारी नुकसान हुआ. ऐसे में Arrow-4 को लाने का उद्देश्य है इस सुरक्षा खामी को पूरी तरह खत्म करना, ताकि भविष्य में दुश्मन की एक भी मिसाइल जमीन पर न गिर सके.IAI के अनुसार, Arrow-4 को इजरायली डिफेंस नेटवर्क में पूरी तरह शामिल होने में दो साल लग सकते हैं, लेकिन सरकार ने इसके त्वरित इंटीग्रेशन के निर्देश दिए हैं. साथ ही, एक और अगली पीढ़ी की प्रणाली Arrow-5 पर भी तेजी से काम चल रहा है, जो आने वाले वर्षों में Arrow-3 की जगह लेगी और इजरायल की सुरक्षा को और भी अपराजेय बना देगी.Arrow डिफेंस सीरीज पहले से ही दुनिया की पहली पूरी तरह ऑपरेशनल एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली मानी जाती है. इसमें Arrow-2 और Arrow-3 जैसे सिस्टम शामिल हैं जो 3 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से आ रही मिसाइलों को भी हवा में ही खत्म कर सकते हैं. Arrow-4 के जुड़ने से यह नेटवर्क और भी ज्यादा प्रभावशाली और खतरनाक हो जाएगा.इस प्रोजेक्ट की शुरुआत साल 2021 में हुई थी, जब अमेरिका और इजरायल ने मिलकर इसे विकसित करने की घोषणा की थी. यह केवल तकनीकी प्रगति ही नहीं बल्कि दोनों देशों के बीच की मजबूत रक्षा साझेदारी का भी प्रतीक है. Arrow-4 अब इजरायल के लिए केवल एक रक्षा प्रणाली नहीं, बल्कि एक सुरक्षा कवच बनकर उभरेगा, खासकर ऐसे समय में जब पश्चिम एशिया में तनाव चरम पर है.
Published at : 18 Jul 2025 08:28 AM (IST)
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