अगर गूगल बेचे Chrome, तो खरीदार OpenAI तैयार- कोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा!

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अगर किसी वजह से गूगल को अपना मशहूर वेब ब्राउजर Chrome बेचना पड़ा, तो ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI उसे खरीदने में दिलचस्पी दिखा सकती है. ये चौंकाने वाला खुलासा उस वक्त हुआ जब OpenAI के अधिकारी निक टर्ली अमेरिका में चल रहे गूगल के खिलाफ एक मोनोपॉली केस में गवाही दे रहे थे.
गूगल पर अमेरिकी सरकार का शिकंजा
अमेरिकी सरकार का आरोप है कि गूगल ने ऑनलाइन सर्च और ऐड टेक्नोलॉजी में गैरकानूनी तरीके से इतना दबदबा बना लिया है कि बाकी कंपनियों के लिए बाजार में टिकना मुश्किल हो गया है. अब कोर्ट ये तय कर रहा है कि गूगल के इस दबदबे को कैसे तोड़ा जाए. अगर कोर्ट ने Chrome को बेचने का आदेश दिया, तो OpenAI उसे खरीदना चाहेगा.
क्या कहा OpenAI ने?
गवाही में निक टर्ली ने साफ कहा, ‘अगर गूगल को Chrome बेचना पड़ा, तो हम उसे खरीदने के लिए तैयार हैं.’ Chrome आज दुनिया का सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला ब्राउजर है. आंकड़ों के मुताबिक, करीब 64% लोग Chrome का इस्तेमाल करते हैं. दूसरे नंबर पर Apple का Safari है, जिसका इस्तेमाल लगभग 21% लोग करते हैं.
गूगल ने क्या जवाब दिया?
गूगल ने इन बातों को पूरी तरह नकारते हुए कहा है कि Chrome बिकाऊ नहीं है. कंपनी चाहती है कि कोर्ट इस केस को खारिज कर दे. गूगल की रेगुलेटरी हेड ली-ऐन मुलहॉलैंड ने बयान दिया कि सरकार के ये कदम, ‘अमेरिकी उपभोक्ताओं और टेक्नोलॉजी की लीडरशिप’ को नुकसान पहुंचाएंगे.
OpenAI और गूगल साथ नहीं, बल्कि अलग रास्ते
OpenAI ने कोर्ट में बताया कि उन्होंने पहले गूगल को एक ‘पार्टनरशिप का ऑफर’ दिया था, जिससे ChatGPT में गूगल सर्च के नतीजे दिखाए जा सकते थे. लेकिन गूगल ने ये ऑफर ठुकरा दिया. निक टर्ली ने साफ कहा, ‘हमारी गूगल से आज कोई साझेदारी नहीं है.’
वहीं OpenAI की Microsoft के साथ मजबूत साझेदारी है. Microsoft का अपना सर्च इंजन ‘Bing’ और ब्राउजर ‘Edge’ है. दूसरी तरफ गूगल ने भी ChatGPT को टक्कर देने के लिए ‘Gemini AI’ लॉन्च किया है.
सोशल मीडिया में भी कदम रखने की तैयारी
एक और बड़ी खबर ये है कि OpenAI अब अपना खुद का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बनाने की सोच रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये प्रोजेक्ट अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन सैम ऑल्टमैन (OpenAI के CEO) लोगों से इसका फीडबैक मांग रहे हैं. 
बता दें कि सैम ऑल्टमैन और एलन मस्क (X के मालिक) पहले बिजनेस पार्टनर थे, लेकिन अब दोनों के रास्ते अलग हो चुके हैं. मस्क की कंपनी X भी ‘Grok AI’ नाम का अपना टूल ला चुकी है.
आगे क्या होगा?
गूगल के खिलाफ ये ट्रायल ‘तीन  हफ्तों’ तक चलेगा और इसमें Meta, Amazon, Apple जैसी बा की टेक कंपनियों की भी नज़र बनी हुई है. क्योंकि उन पर भी अमेरिकी सरकार ने ‘मोनोपॉली’ को लेकर केस ठोका है.

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