लगभग साल भर पहले एक रिसर्च में बताया गया था कि स्मार्टवॉचेस और फिटनेस बैंड्स के स्ट्रैप अलग-अलग हानिकारक बैक्टीरिया से संक्रमित होते हैं. अब एक नई रिसर्च में पता चला है कि स्मार्टवॉचेज के साथ आने वाले स्ट्रैप्स में हानिकारक PFHxA एसिड होता है, जो कैंसर का कारण बन सकता है. इस रिसर्च में गूगल, सैमसंग, ऐपल और फिटबिट जैसी कई बड़ी कंपनियों की स्मार्टवॉचेज का टेस्ट किया गया था.
PFHxA के उच्च स्तर को लेकर चिंता
कई कंपनियां अपनी स्मार्टवॉचेज के स्ट्रैप में एक तरह के सिंथेटिक रबर Fluoroelastomers का इस्तेमाल करती है. शोधकर्ताओं ने इस रबर में PFHxA के उच्च स्तर को लेकर चिंता जताई है. अब लोग स्लीप-क्वालिटी मॉनिटर और स्लीप एपनिया आदि पर नजर रखने के लिए रात में भी स्मार्टवॉच पहनकर सोते हैं. इसे लेकर शोधकर्ताओं ने कहा कि अगर यह PFHxA हर दिन 12 घंटे से अधिक इंसानी त्वचा के संपर्क में रहता है तो यह खतरनाक हो सकता है.
बड़ी कंपनियों की स्मार्टवॉचेज स्ट्रैप में PFHxA की मात्रा अधिक पाई गई. रिसर्च में शामिल किए गए स्ट्रैप्स में इसकी औसतन मात्रा 800 पार्ट्स पर बिलियन (ppb) पाई गई, जो कॉस्मेटिक में मिलने वाली औसतन मात्रा से 4 गुना ज्यादा है. एक मामले में तो यह 16,000 ppb मिली थी.
बन सकता है कैंसर जैसी बीमारियों का कारण
शोधकर्ताओं ने बताया कि स्पोर्ट्स और फिटनेस बैंड में भी इसी रबर का इस्तेमाल होता है. जब रबर में मौजूद PFHxA एसिड पसीने के संपर्क में आता है तो त्वचा के रोम छिद्र खोल देता है. इस वजह से 50 प्रतिशत तक PFHxA त्वचा के अंदर चला जाता है और उसका एक तिहाई खून में घुल जाता है. PFHxAs को खतरनाक रसायनों की क्लास में शामिल किया गया है और इसे फॉरेवर केमिकल भी कहा जाता है. इसका मतलब है कि ये लगातार बने रहते हैं और इन पर मौसम का असर नहीं होता. ये यह केमिकल लंबे समय तक शरीर में बना रहता है तो इससे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं.
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