EU की बड़ी कार्रवाई, Apple पर 4,700 करोड़, Meta पर 1,900 करोड़ का जुर्माना

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यूरोपीय यूनियन (EU) और अमेरिका के बीच एक बार फिर से तनातनी देखने को मिल रही है. इस बार वजह है दो बड़ी अमेरिकी टेक कंपनियों, Apple और फेसबुक की पेरेंट कंपनी Meta पर लगाया गया भारी जुर्माना. 
दरअसल यूरोपीय यूनियन ने बुधवार यानी 23 अप्रैल को Apple पर 500 मिलियन यूरो (लगभग 4,700 करोड़ रुपये) और Meta पर 200 मिलियन यूरो (करीब 1,900 करोड़ रुपये) का जुर्माना ठोका है. ये कार्रवाई EU के नए डिजिटल कानून Digital Markets Act (DMA) के तहत की गई है.
क्या है DMA
डिजिटल मार्केट एक्ट का मकसद है कि बड़ी टेक कंपनियां, जो अपने क्षेत्र में एकाधिकार बनाए बैठी हैं, वो छोटे और नए प्रतियोगियों को भी बराबरी से मुकाबला करने का मौका दें. EU का मानना है कि Apple और Meta ने इस कानून के कई नियमों का उल्लंघन किया है, जैसे कि मार्केट के कॉम्पटीशन को सीमित कर देना, छोटे ऐप डेवलपर्स को प्लेटफॉर्म पर पूरी छूट न देना और पारदर्शिता में कमी.
लेकिन इस कार्रवाई से अमेरिका भड़क गया है. व्हाइट हाउस ने साफ शब्दों में कहा है कि ये जुर्माने एक तरह की ‘आर्थिक ब्लैकमेलिंग’ (Economic Extortion) हैं और अमेरिका इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगा.
अमेरिका ने लगाए कई आरोप 
इस पूरे मामले पर अमेरिकी सरकार का आरोप है कि यूरोप का यह कानून खासतौर पर अमेरिकी कंपनियों को निशाना बना रहा है, ताकि इस कदम से न सिर्फ अमेरिकी कंपनियों का नुकसान हो रहा है बल्कि यह वैश्विक व्यापार के लिए भी खतरा बन सकता है. 
व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘यह एक नया तरीका है अमेरिकी टेक कंपनियों को दबाने का. ये कानून व्यापार में रुकावट पैदा करता है और एक आज़ाद समाज के खिलाफ है.’
अतंरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रहा है तनाव
इस पूरे मामले ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनाव बढ़ा दिया है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि अगर विदेशी देश अमेरिकी कंपनियों को नुकसान पहुंचाते हैं या इसकी कोशिश भी करते हैं तो अमेरिका भी जवाब में टैरिफ यानी आयात शुल्क बढ़ा सकता है.
दूसरी तरफ, यूरोपीय यूनियन का कहना है कि उनका मकसद किसी देश या कंपनी को टारगेट करना नहीं है, बल्कि वो एक निष्पक्ष और खुला डिजिटल बाजार बनाना चाहते हैं.
अब देखना यह है कि क्या अमेरिका इन जुर्मानों के जवाब में कोई सख्त कदम उठाता है या फिर यह मामला बातचीत के जरिए सुलझाया जाएगा. फिलहाल तो इतना तय है कि Apple और Meta जैसे बड़े नामों पर इतनी बड़ी कार्रवाई ने टेक जगत में हलचल जरूर मचा दी है. यह विवाद आने वाले समय में EU और अमेरिका के व्यापारिक रिश्तों को भी प्रभावित कर सकता है.

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