DeepSeek AI: OpenAI और Google ने DeepSeek के नए R1 AI मॉडल की सराहना की है, लेकिन लगता है कि यह चीन आधारित AI कंपनी अब साइबर अपराधियों का भी पसंदीदा टूल बनती जा रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, हैकर्स अब ChatGPT से आगे बढ़कर DeepSeek और Qwen जैसे AI टूल्स का इस्तेमाल कर खतरनाक कंटेंट बनाने में कर रहे हैं. यह चिंताजनक जानकारी इस महीने Check Point की एक नई रिपोर्ट में सामने आई है.
AI का गलत इस्तेमाल: एक नई चुनौती
DeepSeek और अन्य पावरफुल AI मॉडल्स ने विभिन्न क्षेत्रों में लोगों की जिंदगी आसान बना दी है, लेकिन इनका हैकर्स के लिए उपयोगी बनना चिंता का विषय है. लाखों लोग इन फ्री AI चैटबॉट्स पर अपनी रोजमर्रा की ज़रूरतों के लिए निर्भर हैं, लेकिन जब ये टूल्स साइबर अपराधियों के हाथ लगते हैं, तो यह आम जनता के लिए बड़ा खतरा बन सकता है.
DeepSeek को मोबाइल, वेब और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर मुफ्त में इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन ऐसे फ्री AI मॉडल्स के साथ गोपनीयता और सुरक्षा से जुड़ी गंभीर चिंताएं भी आती हैं.
क्या फ्री AI का इस्तेमाल सुरक्षित है?
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि नए AI मॉडल्स पर अत्यधिक निर्भर रहना खतरे से खाली नहीं है. Check Point का कहना है कि DeepSeek और Qwen जैसे मॉडल्स को आसानी से हैकर्स द्वारा मैनीपुलेट किया जा सकता है, जिससे वे तकनीकी रूप से प्रशिक्षित हुए बिना भी सुरक्षा बाधाओं को पार कर सकते हैं.
इसी वजह से OpenAI ने ChatGPT में कई सुरक्षा उपाय जोड़े हैं, जिससे इसे हैकर्स के लिए कम उपयोगी बनाया गया है. लेकिन Check Point की रिपोर्ट के अनुसार, जैसे-जैसे DeepSeek और Qwen जैसे AI मॉडल्स लोकप्रिय होते जा रहे हैं, इनका सेंसरशिप फ्री वर्जन भी जल्द सामने आ सकता है, जिससे साइबर सुरक्षा का खतरा और बढ़ जाएगा.
रिपोर्ट में कुछ ऐसे मामलों का भी जिक्र किया गया है, जहां Qwen AI मॉडल का इस्तेमाल करके यूजर्स का व्यक्तिगत डेटा चोरी किया गया, जबकि पीड़ित को इसकी भनक तक नहीं लगी.
DeepSeek जैसे AI टूल्स ने साइबर अपराध को आसान बना दिया है, और अगर जल्द ही कोई बड़ी बैंकिंग धोखाधड़ी या डेटा लीक सामने आता है, तो इसमें AI की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता.
Jailbreak और AI का दुरुपयोग
हैकर्स अब “Jailbreak” तकनीक पर फोकस कर रहे हैं, जिसमें वे AI मॉडल्स को मैनीपुलेट करके खतरनाक कंटेंट तैयार करते हैं. हाल ही में DeepSeek डेटा लीक की खबरें भी आई थीं, जो यह दिखाती हैं कि ऐसे साइबर अटैक्स अब आम होते जा रहे हैं.
आपको क्या करना चाहिए?
AI टूल्स पर पूरी तरह निर्भर न रहें.
संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचें.
साइबर सुरक्षा उपायों को अपनाएं और सतर्क रहें.
AI तकनीक जितनी फायदेमंद है, उतनी ही खतरनाक भी हो सकती है. इसलिए इंटरनेट पर किसी भी AI-संबंधित टूल का इस्तेमाल सोच-समझकर करें और अपने डेटा की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें.
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