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सैम ऑल्टमैन, सीईओ, ओपन एआई, चैट जीपीटी
ChatGPT के आने के बाद से AI की दुनिया पूरी तरह से बदल गई है। बड़ी-बड़ी टेक कंपनियों ने अपने जेनरेटिव AI की घोषणा कर दी है। जेनरेटिव AI की खास बात ये है कि यह इंसानों जैसी समझ रखता है। हालांकि, AI के आने से कई सेक्टर में लोगों की नौकरियां चली गई हैं। कई कंपनियों ने अपने वर्कफोर्स में कमी कर दी है। ChatGPT बनाने वाली कंपनी के CEO सैम ऑल्टमैन ने अपने लेटेस्ट ब्लॉग में जेनरेटिव AI को लेकर बड़ी बात कह दी है, जिसका असर पूरी दुनिया पर पड़ने वाला है।
AI पर इंडस्ट्री का भविष्य
Sam Altman ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि इस साल यानी 2025 में कंपनियों के वर्कफोर्स में AI एजेंट्स भी जुड़ने वाले हैं। AI के रैपिड डेवलपमेंट और एडवांस होरही टेक्नोलॉजी की वजह से AI पूरी इंडस्ट्री का भविष्य बन सकता है। चैट जीपीटी लॉन्च होने के दो साल बाद कंपनी के CEO ने कहा कि कितनी तेजी से AI की क्षमताएं बढ़ी हैं। इसे देखते हुए हम कह सकते हैं कि भविष्य में AI हमारी जिंदगी का हिस्सा बन जाएगा। इसकी वजह से ग्लोबल वर्कफोर्स पर बड़ा असर पड़ने वाला है।
सैम ऑल्टमैन के मुताबिक, OpenAI अब AGI यानी ऑर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस बिल्ड करने में सक्षम होगा। यह ग्लोबल वर्कफोर्स के भविष्य को प्रभावित करने वाला होगा। एडवांस क्षमताओं वाले AI एजेंट्स दफ्तरों में काम करेंगे, जिसकी वजह से कई लोगों की नौकरियां जा सकती हैं। पिछले कुछ समय से ही AI को लेकर विवाद चला आ रहा है, जिसमें बड़े पैमाने पर नौकरियां खत्म होने को लेकर संभावनाएं जताई जा रही है।
नौकरियों पर खतरा?
OpenAI CEO ने हालांकि, यह भी कहा है कि ChatGPT जैसे AI टूल वर्कफोर्स में शामिल तो जरूर होंगे, लेकिन इससे इंसानों की नौकरियों पर खतरा नहीं रहेगा। ये AI टूल लोगों के साथ मिलकर काम करेंगे, ना कि उन्हें रिप्लेस करेंगे। सैम ऑल्टमैन के इस बयान के बाद करोड़ों लोगों ने राहत ली होगी।
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