टेक्नोलॉजी लगातार लोगों के जीवन को बेहतर बनाते जा रही है. अब एक ताजा मामले में टेक्नोलॉजी की मदद से एक लकवाग्रस्त व्यक्ति सिर्फ अपनी सोच के सहारे एक टेस्ट में वर्चुअल ड्रोन उड़ाने में सफल रहा है. एक AI मॉडल ने उसके दिमाग में आ रहे विचारों को समझा और स्क्रीन पर ड्रोन को उड़ाने में मदद की. इसे एक बड़ी सफलता मानी जा रही है. अब उम्मीद जगी है कि आगे चलकर यह टेक्नोलॉजी और विकसित होगी, जिससे दिव्यांग लोगों की जिंदगी को और सुविधाजनक बनाया जा सकेगा.
BCI टेक्नोलॉजी की मदद से हुआ संभव
ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) पर पिछले कुछ सालों से काफी काम हो रहा है. इसमें व्यक्ति के दिमाग में एक चिप लगाई जाती है, जो दिमाग में चल रहे विचारों को समझकर माउस हिलाने जैसे काम कर सकती है. अब ताजा मामले में मिशिगन यूनिवर्सिटी के मैथ्यू विलसे और उनके सहकर्मियों ने बड़ी सफलता हासिल की है. उन्होंने एक एल्गोरिद्म तैयार किया है. अगर कोई यूजर अपने दिमाग में हाथ हिलाने की सोचता है तो यह उन सिग्नल को कैच कर लेता है.
कैसे हुए ताजा ट्रायल
ताजा मामले में एक अज्ञात व्यक्ति को शामिल किया गया, जो रीढ़ की हड्डी में लगी चोट के चलते लकवाग्रस्त हो गया था. उसके दिमाग में 192 इलेक्ट्रोड्स से बनी ब्लैकरॉक न्यूरोटेक की BCI फिट की गई थी. यह दिमाग के उस हिस्से में लगाई गई थी, जो हाथों की मूवमेंट कंट्रोल करता है. इसके बाद एक AI मॉडल की मदद से उसके दिमाग में चल रहे विचारों को समझा गया. जैसे ही यूजर ने अपने दिमाग में सोचा कि उसे अपने हाथों को हिलाना है, AI मॉडल ने उसे समझकर यह काम कर दिया.
क्या है आगे का रास्ता?
रिसर्चर का कहना है कि इस टेस्ट के नतीजे उत्साह बढ़ाने वाले रहे हैं, लेकिन अभी काफी काम करने की जरूरत है. मुश्किल कामों में BCI के इस्तेमाल को सुरक्षित बनाने के लिए अभी और रिसर्च करनी पड़ेगी.
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