जैसे-जैसे फोन पुराना होता है, क्यों हो जाता है स्लो? जानिए वजह और बचाव का तरीका

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जब हम नया-नया स्मार्टफोन खरीदते हैं, तो उसका परफॉर्मेंस एकदम झकास होता है. सब कुछ फटाफट चलता है, बिना किसी रुकावट के ऐप्स खुलते हैं, गेम्स स्मूथ चलते हैं, कैमरा झट से क्लिक करता है. लेकिन कुछ महीनों या साल भर बाद वही फोन धीमे-धीमे सुस्त पड़ने लगता है. ऐसा क्यों होता है? क्या कंपनी जानबूझकर ऐसा करती है? या इसके पीछे कुछ और वजहें होती हैं? आइए आसान भाषा में समझते हैं.

1. थर्मल थ्रोटलिंग 

फोन ज्यादा गर्म हो गया? तो समझो उसने खुद की स्पीड घटा दी. इसे कहा जाता है थर्मल थ्रोटलिंग. फोन का प्रोसेसर अगर ज्यादा हीट हो जाए, तो नुकसान से बचाने के लिए खुद ही धीमा हो जाता है, और जैसे-जैसे फोन पुराना होता है, उसका कूलिंग सिस्टम भी उतना अच्छा काम नहीं करता, जिससे यह थ्रोटलिंग और बढ़ जाती है.

2. स्टोरेज का भर जाना या खराब होना

आपका 256GB वाला फोन भी स्लो हो सकता है अगर उसकी मेमोरी 90% से ज्यादा भर चुकी हो. जितना ज्यादा डेटा, उतना स्लो रीड-राइट स्पीड. बार-बार फाइल सेव और डिलीट करने से स्टोरेज डिग्रेड होती है और फिर फोन में लैग आना शुरू हो जाता है.

3. बैटरी का हेल्थ खराब होना

बैटरी भी उम्र के साथ थकती है. जैसे-जैसे बैटरी की हेल्थ गिरती है, वैसे-वैसे फोन की परफॉर्मेंस भी गिरती है. कई बार फोन बैटरी को संभालने के लिए खुद धीमा हो जाता है, ताकि पावर की खपत कम हो सके.

4. भारी अपडेट्स 

सॉफ्टवेयर अपडेट्स अक्सर नए फोन्स को ध्यान में रखकर बनाए जाते हैं. पुराना फोन उन नए-नए फीचर्स को हैंडल नहीं कर पाता, जिससे फोन स्लो हो जाता है. कई बार कंपनियां जानबूझकर अपडेट्स में ऐसा करती हैं ताकि यूजर नया फोन खरीदें.

5. ऐप्स के बढ़ते फीचर्स

WhatsApp, Instagram, Facebook जैसे ऐप्स अब पहले से कहीं ज्यादा भारी हो चुके हैं. पुराने फोन्स इन हैवी ऐप्स को चलाते वक्त ज़्यादा मेहनत करते हैं, जिससे स्पीड स्लो हो जाती है.

6. जंक फाइल्स और कैश का अंबार

फोन में जितनी बार आप ऐप इस्तेमाल करते हैं, वो उतनी ही बार कैश और जंक फाइल्स बनाता है. धीरे-धीरे ये फाइल्स स्टोरेज भर देती हैं और फोन स्लो हो जाता है.

7. बैकग्राउंड में चलती ऐप्स और सर्विसेज

कई बार आपको पता ही नहीं चलता और फोन की बैकग्राउंड में ढेर सारी सर्विसेज और ऐप्स चल रही होती हैं, विजेट्स, लाइव वॉलपेपर्स, नोटिफिकेशन सर्विसेज वगैरह. ये सब मिलकर फोन के रैम और प्रोसेसर को खा जाते हैं.

8. डस्ट और हार्डवेयर की घिसावट

फोन पुराना हो जाता है तो अंदर धूल जम जाती है, चार्जिंग पोर्ट ढीला हो जाता है और थर्मल कंपाउंड खराब होने लगता है. ये भी फोन की परफॉर्मेंस को धीरे-धीरे नीचे खींचते हैं.

तो फिर क्या करें? कैसे रखें अपने पुराने फोन को तेज?

  • स्टोरेज खाली रखें: हर 1-2 महीने में पुराने फाइल्स, फोटो-वीडियो, डाउनलोड्स को हटाएं. ऐप्स की कैश क्लियर करें.
  • जरूरी ऐप्स ही रखें: जो ऐप्स इस्तेमाल नहीं होते, उन्हें डिलीट कर दें. फोन हल्का रहेगा, स्पीड बनी रहेगी.
  • सॉफ्टवेयर अपडेट सोच-समझकर करें: हर अपडेट इंस्टॉल करने से पहले देखें कि क्या वो आपके फोन के लिए सही है या नहीं.
  • बैटरी हेल्थ चेक करें: अगर बैकअप कम मिल रहा है और बैटरी हेल्थ नीचे है, तो बैटरी बदलवाना बेहतर रहेगा.
  • फोन को करें फॉर्मेट: हर 6 महीने या साल में एक बार फोन को बैकअप लेकर फैक्ट्री रिसेट कर दें, इससे फालतू का डेटा हट जाता है और परफॉर्मेंस बेहतर हो जाती है.

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