नई दिल्ली. डिजिटल वर्ल्ड की दुनिया में साइबर अपराध दिन ब दिन बढ़ते जा रहे हैं. इनमें सबसे घातक हथियार ‘डार्क वेब’ है जिसके जरिए भारत में कम से कम 20 प्रतिशत साइबर अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. दरअसल ‘डार्क वेब’ इंटरनेट पर एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जिस तक विशेष उपकरणों का उपयोग कर पहुंचा जा सकता है. डार्क वेब का इस्तेमाल करने वालों की पहचान और स्थान का पता लगाना आमतौर पर बेहद मुश्किल होता है. साइबर सुरक्षा कंपनी लिसिएंथस टेक की एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ भारत में कम से कम 20 प्रतिशत साइबर अपराधों में ऑनलाइन हमलावरों ने डार्क वेब का इस्तेमाल किया. ’’
हमलावर अधिकतर डेटा सेंधमारी, हैकिंग, फिशिंग, रैनसमवेयर, पहचान की चोरी, मादक पदार्थों तथा हथियारों जैसे प्रतिबंधित उत्पादों की बिक्री व खरीद जैसे साइबर अपराधों को अंजाम देने के लिए ‘डार्क वेब’ का इस्तेमाल करते हैं.
क्यों घातक है डार्क वेब
दरअसल, हम जिस इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, उसे सरफेस वेब या ओपन वेब (Surface Web) कहते हैं. यह कुल इंटरनेट का सिर्फ 4 प्रतिशत हिस्सा ही है, बाकी इंटरनेट का 96 फीसदी हिस्सा डार्क वेब है. डार्क वेब, इंटरनेट का एक एन्क्रिप्टेड हिस्सा है जो आम लोगों को दिखाई नहीं देता. इसे गूगल और याहू जैसे सर्च इंजन से एक्सेस नहीं किया जा सकता. लिसिएंथस टेक के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) खुशहाल कौशिक ने कहा कि यह अध्ययन देश भर में दर्ज साइबर अपराध के कई मामलों के विस्तृत विश्लेषण पर आधारित है.
उन्होंने कहा कि यह अध्ययन दो महीने की अवधि में बटौरी गई जानकारी पर आधारित है. कौशिक ने बताया कि हाल ही में एक व्यक्ति को किराए के फ्लैट में गांजा उगाने और उसे डार्क वेब के जरिये बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वहीं पिछले साल दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पर रैनसमवेयर हमलों के लिए भी हमलावरों ने डार्क वेब का इस्तेमाल किया था.
गुरुग्राम स्थित लिसिएंथस टेक साइबर सुरक्षा ऑडिट तथा सुरक्षा आकलन का काम करती है. रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक दशक में डार्क वेब का इस्तेमाल दोगुना हो गया है। इसका शिकार होने से बचने के लिए उपयोगकर्ताओं को अपने फोन और अन्य उपकरणों पर ऐप तक पहुंच मांगने वाली किसी भी ऑनलाइन अधिसूचना को अनुमति नहीं देनी चाहिए.
(भाषा से इनपुट के साथ)
Tags: Cyber Crime, Internet Data, Internet SpeedFIRST PUBLISHED : December 4, 2024, 12:14 IST
tech news, technology news, hindi tech news, tech news hindi, hindi news today, tech hindi news today, hindi news , latest news hindi, breaking news, oxbig hindi news, hindi news today, oxbig news, oxbig news network
English News