महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर 2002 में स्थापित ध्यानचंद लाइफटाइम पुरस्कार ओलंपिक खेलों, पैरालंपिक खेलों, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों आदि खेलों में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को जीवन पर्यंत उपलब्धि के लिए दिया जाता रहा है।

केंद्र सरकार ने इस वर्ष से खेल के क्षेत्र में जीवन पर्यंत उपलब्धि (लाइफटाइम अचीवमेंट) के लिए दिए जाने वाले ध्यानचंद पुरस्कार को बंद करने का ऐलान किया है। खेल मंत्रालय ने गुरुवार को इसके स्थान पर देश के विभिन्न खेल के क्षेत्र में जीवन पर्यंत उपलब्धि के सम्मान में अर्जुन लाइफटाइम पुरस्कार शुरू करने की घोषणा की।
महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर 2002 में स्थापित ध्यानचंद लाइफटाइम पुरस्कार ओलंपिक खेलों, पैरालंपिक खेलों, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों आदि खेलों में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को दिया जाता है। वर्ष 2023 में यह पुरस्कार पूर्व बैडिंटन खिलाड़ी मंजूषा कंवर, पूर्व हॉकी खिलाड़ी विनीत कुमार और कबड्डी खिलाड़ी कविता सेल्वराज को दिया गया।
खेल मंत्रालय के एक बयान में कहा, ‘‘खेल पुरस्कारों के लिए विभिन्न योजनाओं को तर्कसंगत बनाया गया है जिसमें ध्यानचंद पुरस्कार के स्थान पर अर्जुन पुरस्कार (लाइफ टाइम अचीवमेंट) शुरू किया गया है। जमीनी स्तर/विकास स्तर पर कोच के प्रयासों को मान्यता देने के लिए अब वे द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए पात्र हैं।’’
बयान के अनुसार, ‘‘अर्जुन पुरस्कार (लाइफ टाइम अचीवमेंट) की शुरुआत की गई है और यह खेल विकास में आजीवन योगदान के लिए दिया जाएगा।’’ इसमें कहा गया, ‘‘इसके अलावा खेलो इंडिया योजना को मान्यता देने के लिए खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों में ओवरऑल शीर्ष प्रदर्शन के लिए विश्वविद्यालय को मौलाना अब्दुल कलाम आजाद ट्रॉफी दी जाएगी।’’ वर्ष 2024 के लिए राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 14 नवंबर है।
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