चुनाव आयोग ने बिश्नोई(Bishnoi) समुदाय के मताधिकार और उनकी परंपराओं का सम्मान करने के लिए यह फैसला लिया है। बिश्नोई समुदाय हर साल गुरु जम्भेश्वर को याद करते हुए आसोज अमावस्या का त्योहार मनाता है।
चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान और मतगणना की तारीखों में बदलाव किया है। बिश्नोई(Bishnoi) समाज और भाजपा की हरियाणा इकाई ने यह मांग की थी। पहले हरियाणा में मतदान की तारीख 1 अक्टूबर तय की गई थी, लेकिन अब इस दिन मतदान नहीं होगा। दोनों राज्यों के लिए मतगणना 8 अक्टूबर को होगी और चुनाव परिणाम भी उसी दिन घोषित किए जाएंगे। चुनाव आयोग ने बिश्नोई समाज के मताधिकार और परंपराओं का सम्मान करते हुए यह फैसला लिया है।
बिश्नोई समाज हर साल गुरु जम्भेश्वर को याद करते हुए आसोज अमावस्या का त्योहार मनाता है। यह सदियों पुरानी परंपरा है, जो चली आ रही है। ‘अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा’ ने चुनाव आयोग को ज्ञापन देकर चुनाव की तारीखों में बदलाव की मांग की थी। हरियाणा ही नहीं, बल्कि पंजाब और राजस्थान में भी बिश्नोई(Bishnoi) समाज के परिवार बड़ी संख्या में इस त्योहार को मनाते हैं। हर साल वे राजस्थान के बीकानेर में इकट्ठा होते हैं और वहां होने वाले वार्षिक उत्सव में हिस्सा लेते हैं। वहां स्थित मुकाम गांव बिश्नोई समुदाय का पैतृक स्थान माना जाता है और वे वहां दर्शन करने जाते हैं।
इस बार यह त्योहार 2 अक्टूबर को पड़ रहा है। ऐसे में सिरसा, फतेहाबाद और हिसार में रहने वाले हजारों बिश्नोई परिवार उस दौरान राजस्थान की यात्रा पर होंगे। अगर 1 अक्टूबर को मतदान होता तो वे अपने मताधिकार से वंचित हो सकते थे। हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि किसी त्योहार के कारण तिथियों में बदलाव किया गया हो। 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान गुरु रविदास जयंती के कारण मतदान एक सप्ताह के लिए टाल दिया गया था।