निमोनिया से इन लोगों को होता है सबसे ज्यादा खतरा, ये हैं शुरुआती लक्षण

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World Pneumonia Day 2024: हर साल दुनिया भर में निमोनिया के लाखों मामले सामने आते हैं. इस बीमारी की बात करें तो वैश्विक स्तर पर निमोनिया एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो लगातार लोगों को अपना शिकार बना रही है. निमोनिया एक संक्रामक श्वसन रोग है जो हर उम्र के लोगों को प्रभावित करता है, हालांकि विशेष रूप से छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमज़ोर इम्युनिटी वाले मरीज़ों को इसका ख़तरा बहुत ज़्यादा होता है. 

हर साल मनाया जाता है विश्व निमोनिया दिवस

निमोनिया जैसी गंभीर समस्या के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है. इस दिन लोगों को इस बीमारी के लक्षण, बचाव और उन विकल्पों से अवगत कराना चाहिए जो निमोनिया से लोगों को बचा सके.

निमोनिया क्या है?

निमोनिया फेफड़ों की सूजन है जो अक्सर बैक्टीरिया, वायरस और फंगी के कारण होने वाले इंफेक्शन के कारण होती है. संक्रमण के कारण सूजन होती है जो एल्वियोली को प्रभावित करती है, जो फेफड़ों में छोटी हवा की थैलियाँ होती हैं, जो द्रव या मवाद से भर जाती हैं, जिससे शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है. 

इसके बाद खांसी, बुखार और श्वसन से जुड़ी अन्य कॉम्प्लीकेशंस शुरू हो जाती हैं. अलग-अलग लोगों में निमोनिया का प्रभाव भी अलग-अलग होता है. कुछ लोग एक या दो हफ्ते में बीमारी से बाहर आ सकते हैं, जबकि गंभीर रूप में मामले में लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है. निमोनिया दुनिया में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक रहा है, खासकर पांच साल से कम उम्र के बच्चों में, और अभी भी बुजुर्गों के लिए एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या है.

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निमोनिया के लक्षण 

खांसी और बलगम का बनना

•बुखार के साथ अक्सर पसीना आना

•सांस फूलना

•गहरी सांस लेने और खांसने पर सीने में दर्द

•थकान और कमज़ोरी

•बुज़ुर्ग रोगियों में भ्रम

•भूख कम लगना

अगर ये लक्षण दिखें – जिसमें तेज़ बुखार, बलगम या खून वाली खांसी और सांस लेने में तकलीफ़ शामिल है  तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

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निमोनिया से बचने के उपाय 

1. टीकाकरण: निमोनिया के खतरे को कम करने के लिए बच्चों, बुजुर्गों और उच्च जोखिम समूहों को निमोनिया वैक्सीन (जैसे, PCV और PPSV) और फ्लू वैक्सीन लगवाना चाहिए.

2. स्वच्छता का ध्यान: हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं. इससे कीटाणुओं के संपर्क में आने की संभावना कम हो जाती है.

3. धूम्रपान से बचें: धूम्रपान फेफड़ों को कमजोर करता है, जिससे निमोनिया का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए, धूम्रपान से दूर रहें और दूसरे हाथ से धुएं का सेवन भी न करें.

4. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं: पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करें, पर्याप्त नींद लें, और नियमित व्यायाम करें. स्वस्थ इम्यून सिस्टम निमोनिया से बचाव में सहायक होता है.

5. संक्रमित लोगों से दूरी बनाएं: फ्लू या अन्य संक्रामक बीमारियों से पीड़ित लोगों से दूरी बनाए रखें, क्योंकि यह निमोनिया का कारण बन सकता है.

6. ठंड से बचें: सर्दियों में ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें और अधिक ठंडे स्थानों से बचें, क्योंकि सर्दी निमोनिया के खतरे को बढ़ा सकती है.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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