एक बच्चा पूरे साल तैयारी करता है और उसके बदले उसे रिजल्ट नहीं मिलता है. या एग्जाम का पेपर लिक हो जाए तो उसके दिमाग पर क्या असर होगा? आज हम इसी बारे में विस्तार से बात करेंगे. ऐसी स्थिति में छात्र जीवन में व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले जोखिम कारकों के संपर्क में आता है. जिसमें वित्तीय चिंताएं, संक्रमण की अवधि, मादक पदार्थों का सेवन, माता-पिता का दबाव, सांस्कृतिक आघात और पिछले समर्थन से वियोग शामिल हैं. परीक्षा प्रश्नपत्र लीक होने से बेहतर एवं अधिक प्रगतिशील भविष्य की चाहत रखने वाली भारत की युवा पीढ़ी की मनोवैज्ञानिक स्थिति को भारी नुकसान पहुंचता है.
नए साल 2025 आने में बस कुछ दिन ही बाकी है नए साल में कई तरह के एग्जाम होंगे. आने वाले महीने छात्रों के लिए बेहद खास और स्ट्रेसफुल रहने वाले हैं. अक्सर परीक्षा की चिंता बच्चों को तनाव का शिकार बना देती है. साथ ही, कोर्स पूरा करने के चक्कर में छात्रों को अक्सर एंजाइटी भी होने लगती है. ऐसे में जरूरी है कि एग्जाम के दौरान इन समस्याओं से दूर रहकर आराम से पढ़ाई पर फोकस किया जाए. एग्जाम के स्ट्रेस को मैनेज करने के लिए कुछ प्रभावी रणनीतियां हैं, जो छात्रों को मदद कर सकती हैं.
एक व्यवस्थित शेड्यूल बनाएं
छात्रों को चाहिए कि वे अपनी पढ़ाई के लिए एक स्पष्ट और व्यवस्थित शेड्यूल बनाएं. यह शेड्यूल उन्हें समय पर सभी विषयों को कवर करने में मदद करेगा. नियमित ब्रेक लेना भी महत्वपूर्ण है. पढ़ाई के बीच में थोड़ी देर का आराम मानसिक थकान को कम करता है और ध्यान केंद्रित रखने में मदद करता है.
शारीरिक गतिविधियों में शामिल हों
अधिकतर छात्र पढ़ाई में इतना व्यस्त हो जाते हैं कि वे शारीरिक गतिविधियों की अनदेखी करते हैं. रोजाना कम से कम एक घंटे की एक्सरसाइज करना आवश्यक है. यह न केवल शरीर को सक्रिय रखता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है. योग और ध्यान भी तनाव कम करने में सहायक होते हैं.
पॉजिटीव सोच रखें
छात्रों को अपने विचारों पर ध्यान देना चाहिए और नकारात्मकता से बचना चाहिए. खुद की तुलना दूसरों से करने से बचें, क्योंकि इससे आत्मविश्वास प्रभावित होता है. सकारात्मक सोच रखने से मानसिक स्थिति मजबूत होती है और परीक्षा के प्रति दृष्टिकोण बेहतर होता है.
टेक्नोलॉजी का उपयोग करें
आजकल कई ऐप्स उपलब्ध हैं, जो अध्ययन और स्वास्थ्य प्रबंधन में मदद कर सकते हैं. ये ऐप्स नींद, खान-पान, और अध्ययन की आदतों पर नजर रखने में सहायक होते हैं. सही खान-पान जैसे दूध, फल, सब्जियां और नट्स का सेवन करना भी महत्वपूर्ण है.
अनावश्यक दबाव से बचें
परीक्षा के बारे में अत्यधिक चिंता करने से मानसिक तनाव बढ़ता है. छात्रों को चाहिए कि वे पाठ्यक्रम को ध्यानपूर्वक देखें और सलेक्टिव स्टडी से बचें. अच्छी नींद लेना भी जरूरी है ताकि दिमाग तरोताजा रहे.
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संगीत और कला में रुचि लें
परीक्षा के दौरान तनाव कम करने के लिए संगीत सुनना या कला जैसी गतिविधियों में भाग लेना फायदेमंद हो सकता है. ये गतिविधियां मन को शांत करती हैं और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती हैं.
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परिवार का समर्थन प्राप्त करें
परिवार का समर्थन बहुत महत्वपूर्ण होता है. माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों पर अतिरिक्त दबाव न डालें और उन्हें प्रोत्साहित करें कि वे अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखें. इन उपायों का पालन करके सीबीएसई के छात्र परीक्षा के दबाव को बेहतर तरीके से संभाल सकते हैं और अपनी तैयारी पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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