Vaishakh Purnima 2025 Upay: वैशाख पूर्णिमा पंचांग के अनुसार वैशाख माह की अंतिम तिथि होती है, जिसे धार्मिक दृष्टि से बहुत शुभ माना गया है. इस दिन दान-पुण्य, स्नान और पूजा का विशेष महत्व होता है. विशेष रूप से छाता दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है. आइए जानते हैं कि इस दिन छाता दान करने से क्या होता है?
वैशाख पूर्णिमा का महत्व
वैशाख पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक बहुत ही खास और पवित्र दिन माना जाता है. इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा या बुद्ध जयंती भी कहते हैं, क्योंकि इसी दिन भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था. इसलिए इस दिन बुद्ध पूर्णिमा भी मनाई जाती है. यह दिन हिंदू धर्म के साथ-साथ बौद्ध धर्म के लोगों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण होता है. वैशाख पूर्णिमा के दिन स्नान, दान और पूजा-पाठ का बहुत महत्व होता है. पूरे वैशाख महीने में जो धार्मिक काम किए जाते हैं, उनका समापन इसी दिन होता है. लोग सुबह जल्दी उठकर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करते हैं, गरीबों को दान देते हैं और भगवान की पूजा करते हैं.
वैशाख महीने की पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है और उनके साथ देवी लक्ष्मी की भी आराधना की जाती है. इस दिन सत्यनारायण की पूजा के साथ कथा करना भी बहुत शुभ माना जाता है. साथ ही भगवान गौतम बुद्ध के प्रेम, शांति और करुणा के संदेशों को ना सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी बड़े सम्मान से याद किया जाता है.
वैशाख पूर्णिमा पर करें छाता दान
वैशाख पूर्णिमा पर किया गया हर पुण्य कार्य, जैसे पूजा या दान बहुत फलदायी माना जाता है. वैशाख पूर्णिमा के दिन छाता दान करना बहुत ही शुभ और फलदायक माना जाता है. मान्यता है कि इस पावन अवसर पर किसी गरीब को छाता दान करने से ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है. ऐसा करने से घर में समृद्धि आती है और धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती.
वैशाख पूर्णिमा पर छाता दान करना अत्यंत पुण्यकारी होता है. इससे ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है, घर में सुख-समृद्धि आती है और सेवा और करुणा का भाव बढ़ता है.
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