ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (एआईवी) एक गंभीर वायरस है, जो शरीर के इम्यून सिस्टम को धीरे-धीरे कमजोर करता है. यह वायरस शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता को खत्म कर देता है, जिससे व्यक्ति अन्य संक्रमणों और बीमारियों का शिकार आसानी से बन जाता है. एचआईवी का समय पर पता लगाना और इलाज शुरू करना बहुत जरूरी है, क्योंकि अगर इसे बिना इलाज के छोड़ दिया जाए तो यह एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम) में बदल सकता है, जो जानलेवा साबित हो सकता है.
गाजियाबाद स्थित यशोदा अस्पताल में मेडिसिन एंड जनरल फिजिशियन डॉ. एपी सिंह के मुताबिक, एचआईवी के शुरुआती लक्षण अक्सर सामान्य फ्लू जैसे लग सकते हैं. इसलिए इन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है. अगर आपने कभी असुरक्षित यौन संबंध बनाए हैं, संक्रमित सुई का इस्तेमाल किया है या आपको लगता है कि आप किसी भी तरह से एचआईवी के संपर्क में आए हैं, और आपको ये लक्षण दिखें, तो बिना देर किए टेस्ट कराएं.
एचआईवी के शुरुआती लक्षण
एचआईवी के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं और ये वायरस के शरीर में जाने के कुछ हफ्तों से लेकर कई सालों बाद तक दिख सकते हैं. हालांकि, कुछ शुरुआती लक्षण जो संक्रमण के 2-4 हफ्ते बाद दिख सकते हैं, वे इस प्रकार हैं.
- तेज बुखार और ठंड लगना: यह एचआईवी के शुरुआती और सबसे आम लक्षणों में से एक है. यह फ्लू जैसा बुखार हो सकता है, जो ठीक न हो.
- थकान और कमजोरी: लगातार बहुत ज्यादा थकान महसूस होना, भले ही आपने पर्याप्त आराम किया हो. शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होना.
- सूजी हुई लिम्फ नोड्स: गर्दन, बगल या कमर में ग्रंथियों (लिम्फ नोड्स) में सूजन महसूस होना. ये ग्रंथियां शरीर की संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं और संक्रमण होने पर सूज जाती हैं.
- त्वचा पर दाने: शरीर पर लाल, खुजली वाले दाने निकलना, जो आमतौर पर छाती, पीठ या चेहरे पर दिख सकते हैं.
- गले में खराश और मुंह के छाले: बिना किसी स्पष्ट कारण के गले में लगातार खराश रहना या मुंह के अंदर दर्दनाक छाले (अल्सर) निकलना.
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द: शरीर में मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द या अकड़न महसूस होना, जो फ्लू के लक्षणों जैसा लग सकता है.
- रात को पसीना आना: सोते समय बहुत ज़्यादा पसीना आना, भले ही कमरा ठंडा हो.
- तेजी से वजन कम होना: बिना किसी वजह के अचानक और तेजी से वजन कम होना.
कब कराएं टेस्ट?
अगर आपने कभी भी एचआईवी के जोखिम भरे काम किए हैं, जैसे असुरक्षित यौन संबंध, साझा सुई का उपयोग और आपको ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण दिख रहे हैं, तो बिना घबराए और बिना देर किए तुरंत एचआईवी टेस्ट करवाएं. यह जानना बेहद जरूरी है कि,
शुरुआत में पता लगना महत्वपूर्ण है: एचआईवी का जितनी जल्दी पता चलेगा, इलाज उतनी ही जल्दी शुरू हो पाएगा. एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (ART) जैसी दवाएं वायरस को कंट्रोल करने में मदद करती हैं, जिससे व्यक्ति एक सामान्य और स्वस्थ जीवन जी सकता है.
- रोकथाम और सुरक्षा: टेस्ट से आपको अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए ज़रूरी कदम उठाने में भी मदद मिलेगी.
- एचआईवी कोई बीमारी नहीं, बल्कि एक वायरस है जिसे सही इलाज से मैनेज किया जा सकता है. लक्षण दिखने पर डरने के बजाय, जागरूक बनें और सही जानकारी प्राप्त करें. किसी भी तरह की शंका होने पर योग्य डॉक्टर से सलाह लें और तुरंत टेस्ट कराएं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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