Shani Dev: शनि देव का राशि परिवर्तन 29 मार्च 2025 को हो चुका है. शनि देव ढाई वर्ष तक कुंभ में रहने के बाद अब मीन राशि में विराजमान हैं और 3 जून 2027 तक इसी राशि में रहेंगे. इसके बाद शनि मंगल की राशि मेष में चले जाएंगे.
शनि का राशि परिवर्तन अन्य ग्रहों की तुलना में अधिक समय में होता है. शनि ढाई साल में एक बार राशि बदलते हैं. साथ ही शनि के राशि बदलते ही कुछ राशियों पर साढ़ेसाती (Sade sati) और ढैय्या (Shani Dhaiya) की शुरुआत भी हो जाती है तो वहीं कुछ राशि वाले इससे मुक्त भी हो जाते हैं.
मीन में रहकर शनि करेंगे इन राशियों के कर्मों का हिसाब
शनि देव के मीन राशि में गोचर करते ही मेष राशि वालों शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण, मीन राशि वालों पर दूसरा चरण और कुंभ राशि वालों पर आखिरी चरण की शुरुआत भी हो चुकी है. इसके अलावा सिंह और धनु राशि वालों पर जून 2027 तक ढैय्या का प्रभाव भी रहेगा. ऐसे में मीन में रहकर शनि मेष, मीन, कुंभ, सिंह और धनु राशि वालों के लिए अधिक एक्टिव मोड में रहेंगे. इस समय इन राशियों के कर्मों का पूरा हिसाब होगा और उसका फल भी मिलेगा.
इन लोगों के लिए क्रूर नहीं होते शनि
शनि देव कर्मों के न्यायधीश हैं. वे न ही किसी के मित्र हैं और न शत्रु. वे तो केवल लोगों को उनके कर्मों के अनुसार उसका फल देते हैं. अगर आपने बुरे कर्म नहीं किए हैं तो आपको शनि देव से डरने की जरूरत नहीं. अच्छे कर्म करने वाले, दूसरों की मदद करने वाले, मजदूरों और असहाय के प्रति दया भाव रखने वालों के प्रति शनि कभी क्रूर नहीं होते. बल्कि इन लोगों को साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान भी शनि देव शुभ फल ही प्रदान करते हैं. यदि आप शनि से शुभ फल चाहते हैं तो अनुशासित जीवनशैली अपनाएं, बुरे कामों से दूर रहें, जरूरतमंदों की मदद करें और दीन-दुखियों की सेवा करें.
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